व्यावसायिक भवनों में पार्किंग की अनिवार्यता का कलेक्टर का फरमान नगर निगम के पुराने कई इंजीनियरों की गलतियों को उजागर कर रहा है। घास बाजार में बने ए.के. प्लाजा के मामले में भी गुरुवार को ऐसा ही खुलासा हुआ। पार्किंग की सख्ती के दौरान प्लाजा मालिक ने बेसमेंट में दोपहिया वाहनों की पार्किंग शुरू कराई। ऊपर बाकायदा इसका बोर्ड भी लगा दिया। जांच हुई तो पता चला कि इस बिल्डिंग में बेसमेंट के लिए ही अनुमति नहीं है। दो मंजिला व्यावसायिक परमिशन पर यहां चार मंजिल तान दी गई।
गुरुवार शाम सिटी इंजीनियर नागेश वर्मा टीम लेकर घास बाजार में व्यावसायिक भवनों की पार्किंग जांचने पहुंचे थे। ए.के. प्लाजा की नपती के दौरान जब स्वीकृत नक्शे से बिल्डिंग का मिलान किया तो कई पेंच खुल गए। इस बिल्डिंग को 2014 में तत्कालीन सिटी इंजीनियर सलीम खान ने मंजूरी दी थी। भवन के जी प्लस टू आवासीय परमिशन जारी की गई थी। मौके पर जांच की तो पता चला कि बिल्डिंग के जिस बेसमेंट में पार्किंग दर्शाई है, वह बेसमेंट ही अवैध है। 2 मंजिला परमिशन पर 4 मंजिला भवन बना है और इसमें ओटीएस को भी कवर्ड कर लिया गया। इसके अलावा मार्जिनल ओपन स्पेस (एमओएस) पर आगे की ओर 5.75 मीटर और पीछे की ओर 2.50 मीटर अतिरिक्त निर्माण कर लिया। बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर एक साथ कई दुकानें बनी हैं जबकि नक्शे में इनका कोई उल्लेख ही नहीं है। एक ही बिल्डिंग में एक साथ इतनी सारी कमियों पर सिटी इंजीनियर वर्मा का चौंकना स्वाभाविक था। बिल्डिंग की नपती और एमओएस के निशान लगाने के बाद सिटी इंजीनियर वर्मा ने एरिया के सब इंजीनियर एम.के. जैन को ए.के. प्लाजा में सामने आई सारी ही कमियों की रिपोर्ट अलग से बनाने का कहा।
कलेक्टर को देंगे अवैध निर्माण की जानकारी
नगर निगम के अधिकारियों को गुरुवार को घास बाजार सहित शहर के उन सभी चिह्नित व्यावसायिक भवनों की नपती करना थी जिन्हें पिछले दिनों नोटिस जारी किए गए थे। सिटी इंजीनियर ने इसके लिए गुरुवार सुबह से अपनी टीम को निर्देशित किया हुआ था। टीम के घास बाजार पहुंचने के बाद पता चला कि इंजीनियर केवल ए.के. प्लाजा की ही फाइल साथ ले गए हैं। शेष बिल्डिंगों की फाइल नगर निगम में ही रखी रह गई। यही कारण रहा कि टीम दूसरे भवनों की नपती नहीं कर पाई और वापस लौट आई। उधर, सिटी इंजीनियर ने बताया जांच के दौरान जितने भी तथ्य सामने आए हैं, उनसे कलेक्टर व निगम आयुक्त को अवगत कराया जाएगा। आगे की कार्रवाई वे ही तय करेंगे।
हमारे पास कोर्ट का स्टे, नहीं कर सकता निगम कार्रवाई
निगम इंजीनियर्स द्वारा ए.के. प्लाजा में निकाली खामियों पर बिल्डिंग मालिक यूनुस ताज वाले के वकील विस्मय चत्तर के अनुसार 21 जुलाई 2015 को ननि के विरुद्ध स्टे का आदेश हो चुका है। कोर्ट के विचार में होने के कारण निगम अधिकारी कार्रवाई नहीं कर सकते। आदेश में स्पष्ट लिखा है- वादीगण को उसके आधिपत्य के भवन क्रमांक 24,25,26 गफूर मार्ग कलाइगर रोड में कोई हस्तक्षेप व तोडफ़ोड़ नहीं कर सकते। बावजूद यदि निगम कार्रवाई करता है तो आयुक्त के खिलाफ कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।