पुलिस के घेराव में, 19 वाहनों पर बमुश्किल 40 नेता निकले शहर बंद कराने

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रतलाम। व्यापमं घोटाला और उससे जुड़े कई लोगों की संदिग्ध मौत के मामले में कांग्रेस का शहर बंद सांकेतिक रहा। 19 दोपहिया वाहनों पर सवार बमुश्किल 40 कांग्रेस नेता शहर बंद कराने निकले। पुलिस ने इन्हें चारों तरफ से घेर रखा था लिहाजा केवल प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और व्यापारियों-कारोबारियों से सांकेतिक समर्थन के लिए उन्हें काली पट्टी बांधी।

सुबह 8 बजे कांग्रेस नेता दो बत्ती चौराहे पर एकत्र हुए। बाद में दो पहिया वाहनों से शहर भ्रमण पर निकले। कांग्रेसियों के इस समूह में प्रदेश प्रवक्ता प्रमोद गुगालिया, शहर अध्यक्ष विनोद मिश्रा, निमिष व्यास, रजनीकांत व्यास, नीरज परमार, यास्मीन शेरानी, मंसूर पटोदी, सुजीत उपाध्याय, इक्का बेलूत, परेश जैन, शांतिलाल वर्मा, जेम्स चाको, मुकेश मीणा, हितेश पेमाल, संजय छाजेड़, आशीष डेनियल, अकरम खान आदि शामिल थे।

झलकियां

व्यापमं घाेटाले के विरोध में शहर बंद कराने निकले कांग्रेस नेताओं में पार्षद दल के आधे सदस्य ही मौजूद थे। शेष आए ही नहीं।

सभी लोग पुलिस वाहन के पीछे चल रहे थे, जिधर पुलिस वाहन मुड़ा कांग्रेसी भी मुड़ गए। ऐसा लगा जैसे पुलिस इन्हें शहर भ्रमण करा रही है।

सीएसपी पीएस राणावत लगातार इनके पीछे चलते रहे।

शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए थे।

कांग्रेस नेताओं के पास काली पट्टी भी गिनती की थी लिहाजा उसे बांधने के लिए भी व्यापारियों को चुना गया।

पुलिस का कैमरा दल कांग्रेसियों के समूह की हर गतिविधि की रिकॉर्डिंग कर रहा था।

दोपहर में पहुंचे पूर्व सांसद

रतलाम-झाबुआ के पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया दोपहर करीब 1 बजे रतलाम पहुंचे। भूरिया की अगुवाई में कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं की टीम एक बार फिर बाजार में निकली और कारोबारियों को गुलाब के फूल भेंटकर काली पट्टी बांधी। बंद को नैतिक समर्थन देने पर धन्यवाद भी दिया।

खुला रहा पूरा बाजार

कांग्रेस बंद का असर शहर में कहीं भी नहीं दिखाई दिया। बाजार पूरी तरह खुले रहे और ईद की खरीदारी भी हुई। हालांकि पार्टी नेता पहले ही घोषणा कर चुके थे कि जबरिया दुकानें बंद नहीं कराई जाएंगी। जो दुकानें बंद नहीं करेंगे उन्हें स्वेच्छा से काली पट्टी बांधकर समर्थन लिया जाएगा।