प्रॉपर्टी के दाम तो घटे नहीं, रजिस्ट्री की संख्या घट गई

0

नोटबंदी के बाद माना जा रहा था कि प्रॉपर्टी के दाम घटेंगे। प्रॉपर्टी के दाम तो घटे नहीं लेकिन रजिस्ट्रियों की संख्या में कमी आ गई। एक महीने में 32 फीसदी की कमी आई। प्रॉपर्टी से जुड़े जानकारों के मुताबिक अभी मार्च तक यही स्थिति रहने के आसार हैं।

नोटबंदी के पहले अक्टूबर में जहां 1244 दस्तावेज पंजीकृत हुए थे। वहीं नवंबर में इनकी संख्या घटकर 840 रह गई। दिसंबर में इसमें और कमी आई। 19 दिन में महज 350 रजिस्ट्री हुई। रजिस्ट्रार विभाग की यह स्थिति है कि विभाग में बहुत कम लोग रजिस्ट्री कराने पहुंच रहे हैं। 12 से 15 रजिस्ट्रियां ही रोज हो रही हैं। इसका असर विभाग के राजस्व पर तो हो रहा है, प्रॉपर्टी व्यवसायियों और सर्विस प्रोवाइडरों पर भी हुआ है और कमाई कम हो रही है।

इस बार भी विभाग का राजस्व घटेगा

प्रॉपर्टी में मंदी के कारण पिछले साल भी विभाग का राजस्व प्रभावित हुआ था। यही स्थिति इस बार भी रहेगी और टारगेट पूरा नहीं हो पाएगा।

दस्तावेज कम हुए

पिछले एक महीने में दस्तावेजों की संख्या में कमी आई है और रजिस्ट्रियां कम हुई हंै। अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में भी इसमें गिरावट आई है। अभी गाइड लाइन को लेकर भोपाल से कोई निर्देश नहीं आए हैं। दीपक राज गौड़, वरिष्ठ जिला पंजीयक

दो-तीन महीने तक यही स्थिति रहने के हैं आसार

प्रॉपर्टी एसोसिएशन के राजकमल जैन ने बताया नोटबंदी के बाद प्रॉपर्टी के दाम तो घटे नहीं है उलटा कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया। सौदे ही नहीं हो रहे हैं। दो-तीन महीने यही स्थिति रहने के आसार हैं। इसके बाद भी गाइड लाइन पर निर्भर रहेगा कि प्रशासन नई गाइड लाइन क्या तय करेगा। नई गाइड लाइन में दाम बढ़ा दिए जाते हैं तो फिर कारोबार चलना मुश्किल होगा। प्रॉपर्टी व्यवसायी रमेश जैन ने बताया नोटबंदी के बाद से प्रॉपर्टी बाजार की स्थिति खराब है। नए सौदे ही नहीं हो रहे हैं। आगामी एक दो महीने तक यही स्थित रहने की उम्मीद है।