संकट के दौर से जूझ रहे बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन कल कार्यसमिति की आपात बैठक में अपने प्रशासनिक कैरियर की सबसे कठिन परीक्षा का सामना करेंगे जिसमें सदस्य आईपीएल स्पाट फिक्सिंग मामले के मद्देनजर उनके इस्तीफे की मांग कर सकते हैं।यह तय है कि श्रीनिवासन को अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना होगा लेकिन समझा जाता है कि वह पद छोड़ने से पहले तीन मांगें रखेंगे।…
संकट के दौर से जूझ रहे बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन कल कार्यसमिति की आपात बैठक में अपने प्रशासनिक कैरियर की सबसे कठिन परीक्षा का सामना करेंगे जिसमें सदस्य आईपीएल स्पाट फिक्सिंग मामले के मद्देनजर उनके इस्तीफे की मांग कर सकते हैं।यह तय है कि श्रीनिवासन को अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना होगा लेकिन समझा जाता है कि वह पद छोड़ने से पहले तीन मांगें रखेंगे। उनकी तीन मांगें यह होंगी कि जांच में पाक साफ साबित होने पर उन्हें दोबारा अध्यक्ष बनाया जाये , आईसीसी की बैठकों में वह भारत का प्रतिनिधित्व करें और सचिव संजय जगदाले और कोषाध्यक्ष अजय शिर्के को नयी पेनल में शामिल ना किया जाये जिन्होंने उन्हें धोखा दिया है।समझा जाता है कि बीसीसीआई सदस्य जगदाले और शिर्के की अनदेखी करने के पक्ष में नहीं है और उनकी इस मांग को माना नहीं जायेगा।बोर्ड के शीर्ष सदस्य श्रीनिवासन को पद छोड़ने के लिये मजबूर करने की रणनीति बना रहे हैं । जब तक उनके दामाद और चेन्नई सुपर किंग्स टीम प्रिंसिपल गुरूनाथ मयप्पन के खिलाफ जांच जारी है, तब तक उन्हें पद छोड़ने के लिये कहा जा रहा है।श्रीनिवासन से साफ तौर पर कहा जायेगा कि भारतीय क्रिकेट के हित में यही है कि वह नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दें। यदि वह नहीं मानते हैं तो बोर्ड के अधिकांश अधिकारी इस्तीफा देंगे और ऐसे में बोर्ड में संवैधानिक संकट पैदा हो जायेगा जिसमें उनके सामने पद छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा ।