टीम इंडिया पहुंच चुकी है चैंपियन्स ट्रॉफी के सेमीफाइनल में। दो मैचों में दो जीत तो कोई और टीम भी दर्ज कर सकती है लेकिन जिस तरीके से टीम इंडिया ने दर्ज की हैं यह जीत वो बताता है कि माही आर्मी का चैंपियन्स के रण में चैंपियन बनना है फिक्स।चैम्पियंस के रण में वनडे चैम्पियन और वनडे की बादशाह टीम की धूम जारी है। माही आर्मी के सामने अफ्रीका और वेस्टइंडीज़… टीम इंडिया पहुंच चुकी है चैंपियन्स ट्रॉफी के सेमीफाइनल में। दो मैचों में दो जीत तो कोई और टीम भी दर्ज कर सकती है लेकिन जिस तरीके से टीम इंडिया ने दर्ज की हैं यह जीत वो बताता है कि माही आर्मी का चैंपियन्स के रण में चैंपियन बनना है फिक्स।चैम्पियंस के रण में वनडे चैम्पियन और वनडे की बादशाह टीम की धूम जारी है। माही आर्मी के सामने अफ्रीका और वेस्टइंडीज़ की टीमें नतमस्तक हो चुकी है। हालांकि यो कोई पहला मौका नहीं कि टीम इंडिया ने बड़ी टीमों को एक के बाद एक मात दी हो लेकिन विश्व चैंपियन टीम ने जिस तरह से विरोधियों को एक तरफा मुकाबलों में धूल चटाई है वो साफ कर रहा है कि चैंपियनस के रण में माही की इस युवा ब्रिगेड को रोकना नामुम्किन है।सेमीफाइनल में सबसे पहले11 साल बाद माही आर्मी ने चैम्पियंस ट्रॉफ़ी के सेमीफाइनल में जगह बनाई है लेकिन सिर्फ इतिहास के लिहाज़ से खुशी की बात नहीं हैं बल्कि इसलिए भी है कि टीम इंडिया सेमीफाइनल में सीट पक्की करने वाली पहली टीम है जबकि बाकि टीमें अभी सेमीफाइनल में सीट बुक कराने के जोड़ तोड़ में बिज़ी हैं।तीन बार 300 पारप्रैक्टिस मुकाबलों समेत चैंपियनस की जंग में माही आर्मी अब तक तीन बार तीन सौ रन से ज्यादा का स्कोर बनाया है और वेस्टइंडीज़ के खिलाफ भी माही आर्मी ने 6 से ज्यादा की रन रेट से रन बनाते हुए जीत हासिल की थी। चैम्पियंस ट्रॉफी के 2 मुकाबलों में टीम इंडिया ने अब तक 89.1 ओवर में 6.36 की रन रेट से 567 रन बनाए हैं और हर विकेट का रन औसत है शानदार 63 का। टीम इंडिया के अलावा कोई भी टीम पहले बल्लेबाज़ी करके 300 का आंकड़ा नहीं पाई और किसी भी टीम का बल्लेबाज़ी औसत 50 के भी करीब नहीं हैं। यही नहीं टूर्नामेंट में अब तक का सबसे ज्यादा 234 रन के चेज़ करने का कारनामा भी माही आर्मी के नाम है और टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन भी भारत के ही शिखर धवन के हैं।बॉल के बॉज़ीगरइंग्लिश कंडीशंस में टीम इंडिया का बॉलिंग अटैक में कमाल का प्रदर्शन कर रहा है। प्रैक्टिस मुकाबलों में ऑस्ट्रेलिया को सिर्फ 65 रन पर समेट दिया था इन गेंदबाज़ों ने। इसके बाद असल मुकाबलों में पहले अफ्रीका को किया ऑल आउट और फिर वेस्टइंडीज़ के 9 विकेट झटककर 233 रन पर ही रोक दिया। यानि टीम इंडिया के गेंदबाज़ो के नाम दो प्रैक्टिस मुकाबलों समेत 4 मैचों में 34 विकेट हैं जो चैंपियनशिप में भाग ले रहीं टीमों से कहीं ज्यादा हैं। कुल मिलाकर चैम्पियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद अब फॉर्म और आंकड़े चीख कर कह रहे हैं कि टीम इंडिया ही है खिताब के सबसे बड़ी दावेदार।