भारत का ओलम्पिक में री-एंट्री का रास्ता लगभग साफ हो गया है, केन्द्रीय खेलमंत्री जितेन्द्र सिंह का कहना है कि भारत पर लगाया गया प्रतिबंध अगले दो महीनों में हटाया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक सामिति ने इसकी कवायद शुरू कर दी है।ओलम्पिक में भारत की वापसी के लिए भारतीय खेल मंत्रालय को आईओसी के साथ काफी माथा-पच्ची करनी पड़ी। मीटिंग का लंबा दौर चल…
भारत का ओलम्पिक में री-एंट्री का रास्ता लगभग साफ हो गया है, केन्द्रीय खेलमंत्री जितेन्द्र सिंह का कहना है कि भारत पर लगाया गया प्रतिबंध अगले दो महीनों में हटाया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक सामिति ने इसकी कवायद शुरू कर दी है।ओलम्पिक में भारत की वापसी के लिए भारतीय खेल मंत्रालय को आईओसी के साथ काफी माथा-पच्ची करनी पड़ी। मीटिंग का लंबा दौर चला तब कहीं जाकर आईओसी के अधिकारी माने। स्विटजरलैंड के लुसाने में हुई मीटिंग के बाद भारत लौटे जितेंद्र सिंह ने बताया, ‘आईओसी ने फैसला किया है कि वह भारतीय ओलम्पिक संघ से प्रतिबंध हटाने के लिये रास्ता बनाने के लिये तैयार है, ताकि भारतीय खिलाड़ी ओलम्पिक आंदोलन में शामिल हो सकें। सरकार राष्ट्रीय खेल महासंघों भारतीय ओलम्पिक संघ और अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के प्रतिनिधियों ने मिलकर आपसी बातचीत के एक खाका तैयार कर लिया है। इसके साथ ही भारत की ओलम्पिक में री-एंट्री का रास्ता साफ हो गया है।’इसके साथ ही खेलमंत्री ने कहा, ‘आईओए के संविधान के अनुसार विशेष आम सभा की बैठक बुलाने के लिये कम से कम 30 दिन की आवश्यकता होती है इसलिये मुझे लगता है दो माह के भीतर मामला सुलझा लिया जाएगा। इसके साथ ही मैं बताना चाहता हूं कि आईओसी के साथ हुई बैठक से विवादास्पद खेल संहिता कमजोर नहीं हुई है। खेल संहिता से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया गया है, बल्कि आईओसी के अधिकारियों से बातचीत के बाद पाया गया कि ओलम्पिक चार्टर के नियमों से खेल संहिता के पारदर्शिता और जवाबदेही जैसे नियम मेल खाते हैं। सरकार खेल महासंघों को 60 से 70 प्रतिशत तक बजट देती है हमारे लिये यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि यह पैसा सही जगह खर्च हो रहा है । ’बता दें कि सरकार एक नया खेल विधेयक तैयार करने की प्रक्रिया में है और इस प्रस्तावित विधेयक पर पहले आईओसी से बात की जाएगी और इस विधेयक को 30 जून तक पेश किया जाएगा।ओलम्पिक में भारत की वापसी के साथ भारतीय खिलाडि़यों में उमंग की लहर दौड़ आई है, जो पहले काफी निराश हो गए थे। दरअसल, हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह ओलम्पिक में खेले और अपने देश के लिए पदक जीते।क्यों हुआ था निलंबन?दरअसल, भारतीय ओलंपिक संघ ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ के दिशानिर्देशों के अंतर्गत चुनाव कराने में नाकाम रहा था। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ ने आईओए से कहा था कि वे अपने संविधान और ओलंपिक चार्टर का पालन करे न कि खेल संबंधी सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करे।