नई दिल्ली: महेंद्र सिंह धोनी ने टीम इंडिया की कप्तानी छोड़ने के फैसले लेकर सभी फैंस और खिलाड़ियों को चौंका दिया था। अचानक टीम सेलेक्शन के एक दिन पहले इस फैसला लेने पर मीडिया में कई सवाल उठाए जा रहे हैं।
दबाव में आकर धोनी ने लिया कप्तानी छोडने का फैसला
एक हिंदी बेवसाइड के अनुसार धोनी ने कप्तानी अपने मर्जी से नहीं ब्लकि उन पर पड़े दबाव की वजह से छोड़ी हैं। उनके मुताबिक सिलेक्टर्स की ओर से उनसे ऐसा करने के लिए कहा था और इससे पहले उनका रिजाइन मेल से भी ऐसा लग रहा है कि
धोनी को ऐसा करने के लिए कहा गया है।
कुछ इस तरह था धोनी का रिजाइन मेल
धोनी का रिजाइन मेल कुछ इस तरह था, “मैं भारत के वनडे कप्तान के पद से अपना इस्तीफा देता हूं और विराट कोहली का मेंटर बनने के लिए राजी हूं।” धोनी के मेल की आखिरी लाइन इस बात की ओर इशारा करती है कि उन्होंने अपनी मर्जी से नहीं, बल्कि किसी के कहने पर कप्तानी छोड़ी, क्योंकि उन्होंने मेल में लिखा कि वो विराट कोहली को मेंटर करने, उन्हें गाइड करने के लिए राजी हैं।
कप्तानी छोड़ने से पहले एमएसके प्रसाद से मिले थे धोनी
रिपोर्ट्स के मुताबिक धोनी ने कप्तानी छोड़ने से पहले कई बार चयन समिति के प्रमुख एमएसके प्रसाद से मिले। ये मुलाकात नागपुर में झारखंड और गुजरात के बीच रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल मैच वाले दिन हुई थी। धोनी इसी दौरान झारखंड टीम के मेंटर के रूप में वहां मौजूद थे।
धोनी के फैसले से खुश थे प्रसाद
बीसीसीआई की ओर से धोनी के फैसले की घोषणा के बाद प्रसाद ने उनकी तारीफ करते हुए इसे बिल्कुल सही समय पर लिया गया फैसला बताया था। प्रसाद ने कहा था, मैं सही समय पर लिए गए इस फैसले की वजह से उनकी तारीफ करता हूं, वे जानते हैं कि विराट अब एक बेहतरीन टेस्ट कप्तान के रूप में खुद को साबित कर चुके हैं।