सचिन या ध्यान चंद दोनों भारत के रत्न हैं लेकिन भारत रत्न अवॉर्ड के लिए खेल मंत्रालय ने हॉकी के जादूगर को ही पहला हकदार माना है। खेल मंत्रालय की ओर से यह सिफारिश बुधवार को हुई बैठक में दोनों खिलाड़ियों के दावों का समर्थन करने वाले समूहों के साथ चर्चा के बाद ये फैसला लिया गया।ध्यान चंद के दावे का समर्थन करने वालों में ना सिर्फ उनके बेटे अशोक कुमार बल… सचिन या ध्यान चंद दोनों भारत के रत्न हैं लेकिन भारत रत्न अवॉर्ड के लिए खेल मंत्रालय ने हॉकी के जादूगर को ही पहला हकदार माना है। खेल मंत्रालय की ओर से यह सिफारिश बुधवार को हुई बैठक में दोनों खिलाड़ियों के दावों का समर्थन करने वाले समूहों के साथ चर्चा के बाद ये फैसला लिया गया।ध्यान चंद के दावे का समर्थन करने वालों में ना सिर्फ उनके बेटे अशोक कुमार बल्कि पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी भी शामिल थे। खेल मंत्रालय की राय है कि सचिन तेंदुलकर को अभी भविष्य में भी यह सम्मान दिया जा सकता है। लेकिन खेल मंत्रालय के इस प्रस्ताव को अभी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की मंज़ूरी मिलना ज़रुरी होगा।दिसंबर 2011 में भी 82 सांसदों ने सरकार से इसी बात की मांग की थी लेकिन सरकार ने इसे नज़रअंदाज़ कर दिया था।