आज टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का जन्म दिन है। धोनी 32 साल के हो गए हैं वैसे धोनी की कहानी आम से खास बनने की कहानी है। खड़गपुर स्टेशन से खेल के स्टेडियम तक धोनी के लिए राह आसान नहीं थी लेकिन धोनी ने हार नहीं मानी और देखते ही देखते वह देश में खेल का सबसे बड़ा चेहरा बन गए।कई बार हम अपने सपने पूरे ना होने पर ढेरों शिकायतें करते हैं सिस्टम क… आज टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का जन्म दिन है। धोनी 32 साल के हो गए हैं वैसे धोनी की कहानी आम से खास बनने की कहानी है। खड़गपुर स्टेशन से खेल के स्टेडियम तक धोनी के लिए राह आसान नहीं थी लेकिन धोनी ने हार नहीं मानी और देखते ही देखते वह देश में खेल का सबसे बड़ा चेहरा बन गए।कई बार हम अपने सपने पूरे ना होने पर ढेरों शिकायतें करते हैं सिस्टम को कोसते हैं। कमियां ढूंढते हैं और आखिरकार हार भी मान लेते हैं। मिलिए टीम इंडिया के कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी से इनके सामने भी बेपनाह चुनौतियां थी जिस टीम में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और पंजाब जैसी जगहों से आए दिग्गज खिलाड़ियों का दबदबा था। उस टीम में रांची जैसे छोटे शहर से आए धोनी ने अपनी जगह बनाई जिस टीम ने महेंद्र सिंह धोनी को जगह दी आज उस टीम को बतौर कप्तान धोनी ने उस जगह पहुंचाया है जो आज से पहले सिर्फ सपना था। धोनी का क्रिकेट में आना एक संयोग था क्योंकि क्रिकेट खेलना धोनी की पहली पसंद नहीं था वह तो फुटबॉल और बैडमिंटन खेलने के शौकीन थे।एक बार धोनी के फुटबॉल कोच ने धोनी को एक क्रिकेट क्लब के लिए विकेट कीपिंग करने को कहा और फिर वह हुआ जिस बारे में शायद धोनी ने भी नहीं सोचा था लेकिन ऐसा नहीं है कि धोनी को रातों रात कामयाबी हासिल हो गई।टी-20 वर्ल्ड कप, वर्ल्ड कप और फिर चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया को चैंपियन बनकर धोनी चैंपियनों के चैंपियन बन गए। रेलवे का यह कर्मचारी टीम इंडिया का कप्तान बनते ही बाजार की भी पसंद बन गया। हर कंपनी मानो ब्रांड धोनी को भुनाना चाहती है धोनी देश के सबसे अमीर खिलाड़ी हैं। इतना ही नहीं दुनिया के सबसे अमीर खिलाड़ियों की फेहरिस्त में फोर्ब्स मैगजीन ने उन्हें 16वें पयदान पर रखा। धोनी की मौजूदा सालाना कमाई लगभग 200 करोड़ रुपये है।मैदान पर फैसले लेने में धोनी जितने चतुर और सटीक मालूम होते हैं। बिजनेस की बातों को भी वह उसी स्मार्टनेस के साथ हैंडल करते हैं फिर भी करोड़ों में खेलने वाले धोनी मैदान पर अपनी इस कामयाबी को हावी नहीं होने देते। तभी तो जब सारे हालात खिलाफ होते हैं तब भी धोनी धैर्य नहीं खोते और फिर तो धीरे-धीरे सब उनके फैसलों के मुरीद हो जाते हैं।