एक आम धारणा है कि एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स ऐपल iOS यानी आईफोन के मुकाबले कम सिक्योर होते हैं. हालांकि यह सिर्फ धारणा ही नहीं बल्कि कई ऐसा मामले देखने को मिले हैं जिससे यह साफ हुआ है कि सिक्योरिटी के लिहाज से एंड्रॉयड कमजोर है.
लेकिन एंड्रॉयड के सिक्योरिटी डायरेक्टर ऐड्रायन ल्यूडविंग ने दावा किया है कि एंड्रॉयड भी आईफोन जितना ही सिक्योर है. जाहिर है अपने प्रोडक्ट को कौन बुरा कहता है, लेकिन जब गूगल ने ऐसे दावे किए हैं तो यह जानना जरूरी है कि आखिर इसके पीछे की वजह क्या है.
मैनहैटन के एक सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा है कि हाल ही में लॉन्च हुआ Google Pixel और Pixel XL सिक्योरिटी के लिहाज से iPhone के बराबर है. उन्होंने कहा है कि लंबे समय तक के लिए एंड्रॉयड का ओपन इको सिस्टम काफी बेहतर प्लेस साबित होगा. इसके अलावा उन्होंने यह भी का कि आने वाले दिनों में एंड्रॉयड और भी सिक्योर होगा.
एंड्रॉयड के सिक्योरिटी डायरेक्टर ने एंड्रॉयड के बिल्ट इन सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर सेफ्टी नेट के बारे में बताया जो एक दिन में 400 मिलियन डिवाइस और 6 बिलियन ऐप को स्कैन करने के काबिल है. इस सॉफ्टवेयर का काम यह सुनिश्चित करना है कि कोई डिवाइस मैलवेयर से इनफेक्टेड है या नहीं. उन्होंने एक ग्राफ दिखाते हुए बताया कि दुनिया में सिर्फ 1 फीसदी एंड्रॉयड डिवाइस ही खतरनाक ऐप्लिकेशन यानी PHa से पीड़ित हैं.
इस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने पिछले साल के पॉपुलर बग स्टैजफ्राइट मैलवेयर के बारे में भी बात की. ल्यूडविंग ने कहा भले ही यह मैलवेयर से लोग खतरे में थे, लेकिन अभी तक इस मैलवेयर से किसी का डिवाइस हैक नहीं हुआ है.
हालांकि उन्होंने यह माना है कि एंड्रॉयड यूज करने वाले मोबाइल नेटवर्क कैरियर और फोन मार्केट को इसके सॉफ्टवेयर और सिक्योरिटी पैच देने में जल्दबाजी करने की दरकार है.
एंड्रॉयड तो सिक्योर है, लेकिन इसके यूजर सिक्योर भी सिक्योर हैं?
एंड्रॉयड के सिक्योरिटी डायरेक्टर की बात मानें भी तो क्या इसे यूज करने वाले भी सिक्योर हैं?
गौरतलब है कि एंड्रॉयड यूजर की सुरक्षा में सेंध लगने की बड़ी वजहों में से एक यह है कि पुराने स्मार्टफोन्स में एंड्रॉयड का नया अपडेट नहीं मिलता है. जबकि ऐपल के साथ ऐसा नहीं है. कंपनी अपने सभी आईफोन में नए iOS का अपडेट देती है.