नदी के संरक्षण के लिये हुए चौतरफा कारगर प्रयास

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नर्मदा नदी के संरक्षण और पर्यावरण प्रदूषण के विरुद्ध देश के सबसे बड़े अभियान ‘नमामि देवी नर्मदे”-सेवा यात्रा को जहाँ एक ओर ग्रामीणों का व्यापक समर्थन मिला है, वहीं देश और प्रदेश के संत, महात्मा और बौद्धिक वर्ग ने भी इसकी सराहना की है। वे यात्रा में शामिल भी हुए और लोगों को इस अभियान को सफल बनाने के लिये प्रेरित भी किया।

144 दिन की नर्मदा सेवा यात्रा प्रदेश के 16 जिले और 1100 गाँव से निकलेगी। इस दौरान नर्मदा के दोनों तट पर पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण, नशाबंदी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 11 दिसम्बर को इस यात्रा की शुरूआत अनूपपुर जिले के अमरकंटक से की। इसके बाद वे डिण्डोरी, मण्डला, जबलपुर, नरसिंहपुर और होशंगाबाद में यात्रा में शामिल हुए। यात्रा के शुभारंभ मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रूपानी भी उपस्थित थे।

यात्रा से पूर्व से पश्चिम तक नर्मदा संरक्षण का जन-जन तक पहुँचेगा संदेश

होशंगाबाद में नर्मदा सेवा यात्रा ने 18 जनवरी को कुल 39 दिन पूरे किये। यात्रा ने अब तक कुल 885 किलोमीटर की दूरी तय की है। यात्रा अभी तक 7 जिले, 23 विकासखण्ड, 245 ग्राम पंचायत और 253 गाँव का भ्रमण कर चुकी है। वर्तमान में यात्रा होशंगाबाद के ग्राम टिंगरिया, कजलास, नानपा, कुडला, ऑवली घाट के नर्मदा के दक्षिणी तट पर गतिमान है। यात्रा के दौरान 7 लाख 777 प्रतिभागी की उपस्थिति रही है। यात्रा के दौरान 253 जन-संवाद कार्यक्रम हुए। इस दौरान 654 उप-यात्राएँ निकलीं, जो मुख्य यात्रा में शामिल हुईं।

मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण घोषणाएँ

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा यात्रा के दौरान माँ रेवा के संरक्षण एवं संवर्धन के उद्देश्य से कुल 14 घोषणाएँ की गई हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अमरकंटक में 15 करोड़ लागत के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने, नर्मदा किनारे शौचालययुक्त पक्के मकान बनाने, पक्की दुकानों का निर्माण करने, नर्मदा तटीय शहरों एवं नगरों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने, शौचालय-विहीन परिवारों के लिये शौचालय निर्माण के लिये राशि उपलब्ध करवाने, नर्मदा किनारे किसी भी ग्राम-कस्बे में शराब की दुकानें बंद करने, नर्मदा तट पर मुक्तिधाम बनवाने, घाटों पर महिलाओं के लिये चेंजिंग-रूम बनाने, फ्रूट-रूट बनाने आदि महत्वपूर्ण घोषणाएँ कर यात्रा को सार्थकता प्रदान की। मुख्यमंत्री इस दौरान नर्मदा तट के 13 स्थानों पर पहुँचे। उन्होंने रामघाट-अमरकंटक, कबीर सरोवर, बोंदर, करंजिया, गाडासरई, डिंडौरी, चाबी, रामनगर, घंसौर, बरगी नगर (हरदुली), ब्रम्हकुण्ड (भैंसा) नरसिंहपुर, सांडिया, सांगाखेड़ाखुर्द सेठानी घाट (होशंगाबाद), में पद यात्रा एवं जन-संवाद कार्यक्रमों में सहभागिता की।

यात्रा में शामिल हुए संत, फादर एवं मौलवियों का नर्मदा संरक्षण के लिये जनता से आव्हान

यात्रा की शुरूआत से ही सभी धर्म के प्रमुखों ने शिरकत की। शुभारंभ मौके पर जहाँ महामण्डलेश्वर अवधेशानंद गिरी महाराज, श्री चिदानंद स्वामी महाराज शामिल हुए, वहीं समय-समय पर संत सुखदेवनंद, संत विवेक, साध्वी प्रज्ञा भारती, स्वामी श्री कल्याणदास, श्री हरिहरानंद सरस्वती, पं. देवप्रभाकर शास्त्री ‘दद्दाजी’, भानपुरा पीठ के शंकराचार्य श्री दिव्यानंद तीर्थ स्वामी, श्री रामभूषण दास, पंजाब के संत श्री बलवीर सिंह सिंचेवाल, स्वामी गिरीशानंद महाराज, रावतपुरा सरकार श्री रविशंकर महाराज, आर्चबिशप लियो कार्नेलियो, करुणाधाम आश्रम के श्री सुदेश शाण्डिल्य शामिल हुए। सभी ने इस यात्रा की पहल के लिये मुख्यमंत्री श्री चौहान की भूरि-भूरि सराहना करते हुए लोगों से न केवल यात्रा से जुड़ने, बल्कि उसमें सक्रिय भागीदारी का आव्हान किया।

बौद्धिक वर्ग भी हुआ यात्रा में शामिल

‘नमामि देवी नर्मदे”-सेवा यात्रा में पर्यावरणविद और विभिन्न क्षेत्रों में अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से ख्यातिलब्ध लोगों ने भी शिरकत की। मेगसेसे पुरस्कार प्राप्त जल-संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले श्री राजेन्द्र सिंह, नोबल पुरस्कार प्राप्त श्री कैलाश सत्यार्थी, सुप्रसिद्ध फिल्म निर्माता श्री प्रकाश झा, अभिनेता श्री गोविंद नामदेव, ध्रुपद गायक श्री रमाकांत गुंदेचा, उमाकांत गुंदेचा, सुप्रतिष्ठित साहित्यकार श्री रमेशचन्द्र शाह, पद्मश्री श्री विजयदत्त श्रीधर, डॉ. विशाल मैसी, डॉ. अरुण जोशी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह श्री भैयाजी जोशी भी शामिल हुए। यात्रा में अब तक 810 प्रतिष्ठित लोगों ने शिरकत की है।

11 हजार 791 पौधों का रोपण

यात्रा के दौरान अब तक सांकेतिक रूप से 11 हजार 791 पौधों का रोपण किया गया है। उद्यानिकी विभाग द्वारा अगले 3 वर्ष में 45 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में पौध-रोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कृषकों द्वारा फलदार वृक्ष लगाने के लिये 5,540 वचन-पत्र भरे गये हैं। वन विभाग द्वारा नर्मदा नदी के दोनों तटों के 8 वृत्त के 16 जिलों में कुल 19 वन मण्डल की 292 ग्राम पंचायत के 882 ग्राम के एक लाख 18 हजार 85 कृषक परिवार के माध्यम से कुल एक लाख 44 हजार 378 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पौध-रोपण का कार्य शुरू किया गया है। इसमें सागौन, खमेर, बाँस, आँवला, महुआ, नीम, जामुन, मुनगा आदि के 3 फीट से अधिक लम्बाई के 147 लाख पौधों का रोपण किया जायेगा।

जन-अभियान परिषद ने चलाया व्यापक जन-जागरूकता अभियान

नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान मध्यप्रदेश जन-अभियान परिषद् द्वारा ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति एवं मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास पाठयक्रम से जुडे कार्यकर्ताओं/सामाजिक नेतृत्वकर्ता के माध्यम से नशामुक्ति एवं नर्मदा संरक्षण के लिये लगभग 8 लाख व्यक्तियों को संकल्प दिलवाया गया। नर्मदा तटीय ग्राम पंचायतों में कुल 269 नर्मदा सेवा समितियों का गठन किया गया है। यात्रा में शामिल होने वाले दल के सदस्यों के भोजन और आवास की व्यवस्था के लिये भी विभिन्न संगठनों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। लगभग 1825 सामाजिक संस्था एवं स्वयंसेवी संगठनों ने यात्रियों की नि:स्वार्थ सेवा की।

नदी के संरक्षण, वानस्पतिक एवं जल संरक्षण की प्राचीन पारम्परिक पद्धति का संकलन एवं दस्तावेजीकरण का कार्य मध्यप्रदेश कांउसिल ऑफ साइंस एण्ड टेक्नॉलाजी के माध्यम से नेशनल इनोवेटिव फाउंडेशन अहमदाबाद द्वारा किया जा रहा है। इसका प्रकाशन यात्रा समापन पर किया जायेगा।

मुख्यमंत्री द्वारा नर्मदा संरक्षण के लिये चार सेल गठित

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा संरक्षण के लिये भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की अध्यक्षता में चार सेल गठित किये हैं। इनमें पौध-रोपण के लिये अपर मुख्य सचिव श्री दीपक खाण्डेकर, नर्मदा क्षेत्र की पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त करने और नर्मदा तटों पर चेंजिंग-रूम निर्माण के लिये अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री राधेश्याम जुलानिया, नर्मदा घाटों के जीर्णोद्धार के लिये अपर मुख्य सचिव नर्मदा घाटी विकास श्री रजनीश वैश और यात्रा में शामिल होने के लिये धर्मगुरु और विषय-विशेषज्ञों को आमंत्रित करने के लिये प्रमुख सचिव संस्कृति श्री मनोज श्रीवास्तव की अध्यक्षता में सेल गठित किये गये हैं।

अगली यात्रा में शामिल होंगी कई महत्वपूर्ण हस्तियाँ

नर्मदा सेवा यात्रा के आने वाले दिनों में देश-प्रदेश की सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र में सुप्रतिष्ठित हस्तियाँ शामिल होंगी। यात्रा के विभिन्न पड़ावों में सम्मिलित होने के लिये सुश्री उमा भारती, जल-संसाधन मंत्री भारत सरकार, स्वामी कृष्णाध्यानानंद, श्री सुरेश खानापुरकर, मौलाना लुकमान तारापुरी, ड़ॉ. सुबोध शर्मा, स्वामी शिवानंद सरस्वती, श्री भय्यू जी महाराज, श्री पोपटराव पवार, स्वामी कापरी, जगतगुरू शंकराचार्य श्री स्वरूपानंदजी महाराज, स्वामी षणमुखानंद महाराज, श्री कमलानंदजी महाराज (गौरावाले संत), श्री सदगुरू स्वामी, क़ृष्णानंदजी महाराज, श्री अमृतलाल बेगड़, श्री दिव्यानंद तीर्थ, श्री सत्यमित्रा नंद, श्री ज्ञानस्वरूप सानंद, स्वामी समवित सोमगिरी, सुश्री सोनल मानसिंह, श्री पुण्डरीक महाराज, श्री देवकीनंदन ठाकुर, श्री सुधांशु महाराज, श्री प्रणव पण्ड्या, श्री श्री रविशंकर (आर्ट ऑफ लिविंग), डॉ. ए. के. मर्चेन्ट, श्री अन्ना हजारे, श्रीमती नीता अम्बानी, श्री रोहिनी चतुर्वेदी, श्री मनोज बाजपेयी, श्री अनुपम खेर सहित कई विख्यात हस्तियों ने सहमति दी है।