मेटरनिटी विंग और नर्सिंग स्कूल होगा शिफ्ट, जमीन पर इलाज करने से जल्द मिलेगी निजात

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जिला अस्पताल में पिछली जुलाई में मेटरनिटी वार्ड ध्वस्त हो गया था। उसी महीने सर्जिकल वार्ड को भी कंडम घोषित कर दिया। इसके बाद से मरीजों का इलाज जमीन पर गद्दे बिछाकर करना पड़ रहा है। वार्डों में जगह नहीं होने से मरीजों को गलियारों में लेटाना पड़ रहा है तो मरीज के परिजन को जिला अस्पताल के बाहर परिसर में शरण लेना पड़ रही है। अब इस जुलाई में इन परेशानियों से निजात मिलने वाली है। बाल चिकित्सालय के पीछे बन रही मातृ-शिशु स्वास्थ्य इकाई और जिला अस्पताल में नर्सिंग होस्टल 30 जून तक बन जाएगा।

अस्पताल के हर वार्ड में दो गुना मरीज भर्ती हैं। जमीन पर मरीजों को भर्ती करने से दूसरे मरीजों तक पहुंचने के लिए लांघकर जाना पड़ता है। जिला अस्पताल का नया भवन रीडेंसीफिकेशन में बनना है अभी मामला साधिकार समिति के पास अटका है। मातृ-शिशु स्वास्थ्य इकाई व नर्सिंग स्कूल शुरू होने से जगह की कमी से जूझ रहे जिला अस्पताल को राहत मिलेगी। सीएस डॉ. आनंद चंदेलकर ने बताया एमसीएचयू व नर्सिंग होस्टल भवन का अधिग्रहण होते ही उद्घाटन करवाया जाएगा।

जुलाई में स्वास्थ्य विभाग को सौंप देंगे दोनों भवन
दोनों काम हमें 30 अप्रैल तक पूरे करने थे। रुपया स्वीकृत होने से लेकर कभी डिजाइन नई देने से दिक्कतें आती रही। नर्सिंग होस्टल का डेढ़ करोड़ बकाया होने से भी काम रुका लेकिन अब रुपया स्वीकृत होने से सोमवार से इसका काम फिर से शुरू होगा। अब 30 जून तक काम पूरा कर जुलाई में स्वास्थ्य विभाग को भवन सौंप देंगे। गिरिजेश शर्मा, संभागीय परियोजना यंत्री, पीआईयू

जिला अस्पताल परिसर में 152 बेडेड नर्सिंग होस्टल 4 करोड़ 40 लाख की लागत से बनाया जा रहा है। अभी नर्सिंग होस्टल तो विरियाखेड़ी में चल रहा है लेकिन नर्सिंग क्लास जिला अस्पताल परिसर स्थित एक पुराने दो मंजिला वार्ड में चल रही है। नर्सिंग होस्टल बनने से क्लास भी वहीं लगेगी। इससे नर्सिंग क्लास लगने वाला वार्ड खाली हो जाएगा तो यहां 80 से ज्यादा मरीजों को भर्ती किया जा सकेगा। अभी ठेकेदार के डेढ़ करोड़ रुपए रुकने से काम में दिक्कत आ रही थी लेकिन राशि शासन द्वारा स्वीकृत करने से सोमवार से काम वापस शुरू हो जाएगा। इसका काम भी आखिरी चरण में है। 30 जून तक इसका काम पूरा होने से इसे भी जुलाई में स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया जाएगा।

182 बेड के जी-प्लस टू मातृ-शिशु स्वास्थ्य इकाई में पुताई का काम चल रहा है। यह 125 बेड का था लेकिन विधायक चेतन्य काश्यप व कलेक्टर बी.चंद्रशेखर के प्रयास से बेड बढ़ाए। बजट 9 करोड़ 95 लाख से बढ़ाकर 13 करोड़ 80 लाख किया। महीनेभर पहले बढ़े हुए बजट की राज्य स्वास्थ्य संचालनालय भोपाल से स्वीकृति मिलने पर काम में तेजी आ गई। पुरानी डिजाइन में ग्राउंड फ्लोर पर 14 बेड, पहली मंजिल पर 55 और दूसरी मंजिल पर 56 बेड बनाने थे। ग्राउंड और पहली मंजिल पर तो वही ड्राइंग रखी। दूसरी मंजिल पर अब 112 बेड बनेंगे। 30 जून तक काम पूरा हो जाएगा। जिला अस्पताल में चल रही मेटरनिटी विंग और एसएनसीयू विंग स्थानांतरित कर दी जाएगी। मेटरनिटी में 100 से ज्यादा मरीज और एसएनसीयू में भी 40 से ज्यादा मरीज रखे जा सकेंगे