हैदराबाद टेस्ट में भारत की टीम पहली पारी में 503 रन बनाकर आल आउट हो गई। भारत के इस स्कोर को इस मुकाम तक पहुंचाने में चेतेश्वर पुजारा जिन्होंने दोहरा शतक जड़ा और मुरली विजय की बेहतरीन सेंचुरी ने अहम भूमिका निभाई। इन दोनों ने 370 रन की रिकार्ड साझेदारी की, जिससे भारत अपनी पारी के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 266 रन की मजबूत बढ़त हासिल करने में सफल रहा।तीस…
हैदराबाद टेस्ट में भारत की टीम पहली पारी में 503 रन बनाकर आल आउट हो गई। भारत के इस स्कोर को इस मुकाम तक पहुंचाने में चेतेश्वर पुजारा जिन्होंने दोहरा शतक जड़ा और मुरली विजय की बेहतरीन सेंचुरी ने अहम भूमिका निभाई। इन दोनों ने 370 रन की रिकार्ड साझेदारी की, जिससे भारत अपनी पारी के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 266 रन की मजबूत बढ़त हासिल करने में सफल रहा।तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया टीम ने अपने 2 विकेट खोकर 72 रन बनाए हैं। क्रीज पर कोवन 26 और वाटसन 9 बनाकर डंटे हुए हैं। ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी नौ विकेट पर 237 रन बनाकर समाप्त घोषित की थी। वार्नर और ह्यूज के रूप में ऑस्ट्रेलिया को शुरुआत झटके आर अश्विन ने दिए। भारत की नई रन मशीन पुजारा ने 204 रन बनाए और विजय (167) के साथ भारत की तरफ से दूसरे विकेट के लिए किसी भी देश के खिलाफ सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड बनाया। पुजारा ने जेम्स पैटिनसन के बाउंसर पर हुक करके डीप फाइन लेग पर कैच थमाने से पहले 341 गेंदों का सामना किया तथा 30 चौके और एक छक्का लगाया। विजय की 361 गेंद की पारी में 23 चौके और दो छक्के शामिल हैं। इन दोनों की साझेदारी टूटने के बाद भारत ने तेजी से विकेट गंवाए। उसके आखिरी छह विकेट तो 43 रन के अंदर गिरे। पिछले मैच में दोहरा शतक जड़ने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 43 गेंद पर 44 रन की तेज पारी खेली, जबकि विराट कोहली ने 34 रन बनाए लेकिन बाकी बल्लेबाज क्रीज पर ज्यादा देर तक नहीं टिक पाये।ऑस्ट्रेलिया की तरफ से अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे आलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल सबसे सफल गेंदबाज रहे। इस ऑफ स्पिनर ने 127 रन देकर 4 विकेट लिए। बाएं हाथ के स्पिनर जेवियर डोहर्टी ने 131 रन के एवज में तीन विकेट हासिल किए।पुजारा और विजय की मैराथन साझेदारी के दौरान कुछ रिकार्ड भी टूटे। इन दोनों ने भारत की तरफ से किसी भी देश के खिलाफ दूसरे विकेट के लिए नया रिकार्ड बनाया। उन्होंने सुनील गावस्कर (182) और दिलीप वेंगसरकर (157) के वेस्टइंडीज के खिलाफ 1978 में बनाये गए 344 रन के रिकॉर्ड को तोड़ा। पुजारा और विजय ने सुबह से ही आसानी से रन बटोरे और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज उन पर किसी तरह से दबाव नहीं बना पाए। ऑस्ट्रेलिया को सुबह लगभग 25 ओवर तक इंतजार करने के बाद पहला विकेट मिला। मैक्सवेल की ऑफ ब्रेक विजय के दस्ताने को चूमती हुई बैकवर्ड शार्ट लेग पर एड कोवान के सुरक्षित हाथों में चली गई थी। यह मैक्सवेल का पहला टेस्ट विकेट था।आखिरकार सचिन तेंदुलकर को 118वें ओवर में क्रीज पर कदम रखने का मौका मिला। उन्हें सात घंटे 15 मिनट तक पैड बांधकर पवेलियन में गुजारने पड़े थे।पुजारा ने मैक्सवेल की गेंद पर मिडविकेट पर चौका जड़कर अपना दोहरा शतक पूरा किया। इसके बाद पैटिनसन का बाउंसर उनकी एकाग्रता भंग कर गया। अपनी 18वीं टेस्ट पारी खेल रहे पुजारा हालांकि इससे पहले सबसे कम पारियों में 1000 रन पूरे करने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज बन गये थे। भारतीय रिकार्ड विनोद कांबली (14 पारियां) के नाम पर है। पुजारा का स्थान लेने के लिये उतरे कोहली ने भी चौका जड़ते ही टेस्ट मैचों में 1000 रन पूरे किये।तेंदुलकर ने पैटिनसन की गेंद पर चौका जमाया, लेकिन वह जल्द ही विकेटकीपर मैथ्यू वेड को लेग साइड में कैच देकर पवेलियन लौट गये। अंपायर कुमार धर्मसेना ने उन्हें आउट देने के लिए तीसरे अंपायर का भी सहारा लिया।बेहतरीन फॉर्म में चल रहे धोनी आते ही गेंदबाजों पर हावी हो गए। उन्होंने सात चौके जमाने के बाद मिड ऑफ पर छक्का जड़ने के प्रयास में कैच थमाया। भारतीय कप्तान के आउट होने के बाद ऑस्ट्रेलिया को भारत के निचले क्रम को समेटने में अधिक समय नहीं लगा।