मंगल ग्रह पर जीवन हो सकता है, नासा की हालिया रिसर्च से यह बात सामने आई है। नासा के मंगल ग्रह अभियान में प्राप्त कुछ पत्थरों के नमूमों से वैज्ञापिकों ने यह संभावना जताई है।दरअसल, नासा के क्यूरोसिटी रोवर द्वारा जमा किए गए पत्थरों के नमूनों के विश्लेषण से मंगल ग्रह पर जीवन के अस्तित्व की संभावना का पता चला है। वैज्ञानिकों ने इन नमूनों में जीवन के लि…
मंगल ग्रह पर जीवन हो सकता है, नासा की हालिया रिसर्च से यह बात सामने आई है। नासा के मंगल ग्रह अभियान में प्राप्त कुछ पत्थरों के नमूमों से वैज्ञापिकों ने यह संभावना जताई है।दरअसल, नासा के क्यूरोसिटी रोवर द्वारा जमा किए गए पत्थरों के नमूनों के विश्लेषण से मंगल ग्रह पर जीवन के अस्तित्व की संभावना का पता चला है। वैज्ञानिकों ने इन नमूनों में जीवन के लिए जरूरी रसायनिक अवयव सल्फर, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन, आक्सीजन, फासफोरस और कार्बन हैं।नासा के मार्स एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम का नेतृत्व करने वाले वैज्ञानिक माइकल मेयर ने मंगलवार को कहा कि इस अभियान का बुनियादी सवाल यह है कि क्या मंगल में रहने योग्य वातावरण रहा है। उनके मुताबिक यहां ऐसी संभावना है। जीवन के लिए जरूरी इस वातावरण की अवधारणा की मुख्य जानकारी ‘केमिस्ट्री एंड मिनरलोजी एंड सैंपल एनालिस्ट’ द्वारा मिट्टी और पत्थरों के नमूने के विश्लेषण से इक्कट्ठे किए गए आंकड़ों से सामने आई है।इन आंकड़े में क्यूरोसिटी द्वारा खोज किए जाने वाले स्थान में एक प्राचीन नदी या छोटी झील होने के संकेत मिले हैं जिसमें सूक्ष्म जीवों के लिए अनुकूल वातारवरण पैदा करने वाले रसायनिक अवयव होने की संभावना हो सकती है। पिछले साल क्यूरोसिटी द्वारा जिस स्थान से नमूने लिए गए थे उसके नजदीक प्राचीन जलाशय का तल मिला था।नासा के वैज्ञानिकों की इस हालिया रिसर्च से यह लगता है कि अब इंसान का मंगल पर घर बनाने का सपना एक दिन जरूर पूरा होगा।