इमालवा – रतलाम | आगामी एक अप्रैल से प्रारंभ हो रहे नए वित्तीय वर्ष में बैंक अब केवल सीटीएस 2010 मानक के चेक ही स्वीकार करेंगे | पिछली एक जनवरी से प्रारम्भ होने वाली यह व्यवस्था अब एक अप्रेल से शुरू होगी | आरबीआई के निर्देशों के अनुसार बैंको ने इस सम्बन्ध में अपनी तैयारिया प्रारम्भ कर दी है |
सेंट्रल बैंक के पूर्व अधिकारी हिम्मतलाल जैन के अनुसार नई व्यवस्था में इलेक्ट्रानिक इमेज के आधार पर चेक क्लियर हो जाएगा | चेक को स्केन करने का काम भी उसी ब्रांच में हो जाएगा जहां चेक जमा कराया जा रहा है | इससे चेक को एक ब्रांच से दूसरी ब्रांच तक ले जाने का चक्कर बच जाएगा। इससे वक्त और पैसे दोनों की बचत होगी। पुरानी व्यवस्था में चेक क्लीयर होने में तीन दिन लगते थे, वहीं नई व्यवस्था में यह काम एक ही दिन में हो जाएगा। साथ ही आउट स्टेशन चेकों का समाशोधन भी तेजी हो सकेगा और धोखाधड़ी तथा चेक खोने की संभावना भी कम होगी।
यह है नए चेक में
अल्ट्रावायलेट इंक से संबंधित बैंक का लोगो
पेंटोग्राफी यानी एक वेव जैसा निशान, जिसमें छिपा हुआ शब्द होगा- वीओआईडी।
चेक प्रिंटर की सूचना-सीटीएस 2010 लिखा होगा
चेक पर रुपए का चिह्न का निशान
इस जगह (प्लीज साइन एबोव) लिखा होगा।
सावधानी रखनी होगी
श्री जैन ने बताया कि नई चेक बुक इश्यू करने क लिए बैंक कोई चार्ज नहीं लेगा। ग्राहकों को जल्द से जल्द नई सीटीएस 2010 मानक की चेक बुक इश्यू करा लेना चाहिए। होम या आटो लोन की ईएमआई भुगतान के लिए पहले से दिए पोस्टडेटेड चेक निरस्त कर उन्हें नए चेक देने होंगे। नए चेकों का क्लियरेंस इमेज आधारित होगा, इसलिए चेक भरने में ज्यादा सावधानी बरतनी होगी। आईबीआई के निर्देशानुसार गहरे रंग की इंक का उपयोग करना होगा। जिस व्यक्ति के नाम से चेक चेक काटा जा रहा है उसका नाम, रकम (अंको तथा शब्दों में) और तारीख साप-साफ भरनी चाहिए। काटपीट होने पर चेक कैंसल कर दूसरा चेक काटना होगा। यदि चेक पर रेखांकन किया जाना है तो दो क्रास लाइन बनाकर उनके बीच अकाउंट पेयी जरूर लिखें और धारक शब्द को काट दें। चेक पर एक से ज्यादा बार साइन न करें तथा स्थान का खास ख्याल रखें। साइन में यदि जरा भी फर्क हुआ तो वह मान्य नहीं होगा। ग्राहकों को अपनी शाखा में जाकर खाते की केवायसी की जांच कर नई केवायसी उपलब्ध करा दें, जिसमें वर्तमान फोटो, स्वयं का प्रमाण, निवास का प्रमाण के साथ ही मोबाइल या लेंडलाइन नंबर जरूर दें।