गोवा के सीएम और पूर्व डिफेंस मिनिस्टर मनोहर पार्रिकर ने रविवार को कहा कि शहादत महानता है। उन्होंने कहा कि देश के लिए कुर्बान होना जरूरी है, लेकिन इसके ये मायने नहीं कि जब आप लडऩे जाएं तो जान दे दें। बेहतर होगा कि आप अपने दुश्मन को मारिए। पणजी में आयोजित ‘स्वच्छ एबिलिटी रन’ कार्यक्रम के दौरान पार्रिकर ने कहा कि एक रक्षा मंत्री होने के नाते मैंने हमेशा कोशिश की थी कि हमारे सैनिकों की जिंदगियों को कम से कम नुकसान हो।
सैनिको के योगदान को नहीं भूला सकता देश
सीएम ने कहा कि उन्होंने सैन्य बलों के जवानों को खुद शहीद होने की जगह दुश्मन का सफाया करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा कि हम अपनी सीमाओं की सुरक्षा में उनके योगदान को नहीं भूल सकते। कभी-कभी शारीरिक रूप से अक्षम लोग सामान्य व्यक्ति की तुलना में समाज में ज्यादा योगदान दे सकते हैं। पार्रिकर ने कहा कि मैं यहां आया हूं क्योंकि मैं दिव्यांगों को समाज का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा मानता हूं। गौरतलब है कि मनोहर पार्रिकर कुछ दिनों पहले पटेल की जयंती और इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में अपने बयान को लेकर मीडिया की सुर्खियों में आए थे। उन्होंने कहा था कि भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने चीन और पाकिस्तान के साथ भारत के युद्ध का अनुमान वर्ष 1950 में ही लगा लिया गया था। ये युद्ध लगभग एक दशक बाद लड़े गए।