जिले भर में नागरिकों ने उत्साह से मनाया गणतंत्र दिवस, मुख्यमंत्री ने किया ध्वजारोहण

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देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत होकर जिलेभर में नागरिकों ने शुक्रवार को देश का 69 वां गणतंत्र दिवस पूरे उत्साह के साथ मनाया। जिलेभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर देश को विश्व का सबसे बड़ा गणतंत्र बनाने में अपना योगदान देने वाले महापुरूषों की गाथा का भावपूर्ण स्मरण किया गया।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां लाल परेड ग्राउण्ड में भव्य और गरिमामय गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उन्होंने परेड की सलामी ली। मुख्यमंत्री ने गुना को स्मार्टसिटी बनाने की घोषणा की। उन्होंने समारोह में प्रस्तुतियां देने वाली शालाओं को एक-एक लाख रूपये देने की घोषणा की। गुना में स्टेडियम बनवाने एवं संजय स्टेडियम में कृत्रिम घास बिछाने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि गणतंत्र में जनता सर्वोपरि होती है और गणतंत्र में मैं जनता का प्रमुख सेवक हूँ। मेरे लिए मेरी साढ़े सात करोड़ जनता ही भगवान है। डेढ़ दशक पूर्व मध्यप्रदेश की पहचान बीमार राज्य के रूप में हुआ करती थी। उस समय हम सबसे पीछे की श्रेणी में थे। लेकिन आज यह कहते हुए गर्व होता है कि आपके प्रयास से प्रदेश की विकास दर 10 प्रतिशत है। कृषि विकास दर के मामले में भी म.प्र. अग्रणी है। म.प्र. को लगातार पांच बार कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त हुआ है। हमें अब और आगे जाना है। म.प्र. में सड़कों का जाल बिछाया है। म.प्र. में डेढ़ लाख कि.मी. की सड़कें बन चुकी हैं। हमने 24 घंटे बिजली देने का प्रयास किया है। पन्द्रह साल पहले सिंचाई संसाधनों की बेहद कमी थी। हमने इन संसाधनों में लगातार वृद्धि की है। अगले साल तक सिंचाई सुविधा बढ़कर 60 लाख हेक्टेयर हो जाएगी। पूरे म.प्र. में सिंचाई परियोजनाओं का जाल बिछाया जाएगा।

राज्य सरकार बिजली, पानी, सड़कों के विस्तार के लिए तेजी से कार्य कर रही है। हमने गरीबों के विकास का एजेंडा बनाया है। म.प्र. की धरती पर किसी भी गरीब को भूखे नहीं सोने दिया जाएगा।राज्य सरकार गरीबों को 1 रूपयें किलो गेहूं एवं चावल दे रही है। गरीबों को पांच रूपये में भरपेट भोजन देने की व्यवस्था की है। ऐसे तमाम लोग हैं जिनके पास रहने को जमीन का एक टुकड़ा भी नहीं है। म.प्र. सरकार का यह संकल्प है कि म.प्र.की जमीन पर किसी भी गरीब को बगैर जमीन के नहीं रहने दिया जाएगा। गरीब बहन-भाईयों को जमीन पर रहने के लिए जमीन और मकान का मालिक बनाने का अभियान चलाया जाएगा। हर गरीब का पक्का मकान होगा और वर्ष 2022 तक कोई भी गरीब बगैर पक्के मकान के नहीं रहेगा। बारहवीं में 85 प्रतिशत अंक लाने वाले विद्यार्थियों को लेपटॉप दिए जाएंगे। जबकि बारहवीं में 70 फीसद अंक लाने वाले विद्यार्थियों को प्राइवेट या सरकारी मेडीकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलीटेक्निक कॉलेज, लॉ कॉलेज में एडमिशन के लिए फीस राज्य सरकार भरेगी।

मुख्यमंत्री ने बालक-बालिकाओं को भरोसा दिलाया कि आप बस पढ़ते जाओ, आपकी आंखों के सपनों को मरने नहीं दूंगा। गरीब, मध्यमवर्गीय नागरिकों के इलाज के लिए राज्य सरकार ने सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क इवाइयों की व्यवस्था की है। इसके साथ ही राज्य बीमारी सहायता कोष से इलाज की व्यवस्था हेतु हमने जिला स्तर पर दो लाख रूपये तक का अधिकार दिया है। हृदय में छेद वाले बच्चों के लिए बाल हृदय उपचार योजना संचालित की जा रही है। अब सरकारी नौकरी वाली और आयकर अदा करने वाली बहनों को छोड़कर सभी बहनों को पेंशन दी जाएगी।

सरकार का संकल्प है कि खेती को घाटे का धंधा नहीं रहने दिया जाएगा, बल्कि इसको लाभ का धंधा बनाया जाएगा। म.प्र. में किसानों को उनकी उपज का घाटा ना हो, इसलिए भावांतर भुगतान योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत किसानों के खातों में 1500 करोड़ रूपये की राशि डाली जा चुकी है। प्रदेश में खेती को फायदे का धंधा बनाया जाएगा। ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि किसानों को उनकी उपज की लागत निकालकर 50 प्रतिशत राशि दी जाएगी। शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। राज्य सरकार समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए कृत संकल्पित है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग, कमजोर वर्ग के कल्याण के लिए तमाम योजनाएं संचालित की हैं। लेकिन अब सामान्य वर्ग आयोग बनाकर सामान्य वर्ग के गरीब व्यक्तियों के कल्याण के लिए भी काम किया जाएगा। बेटा-बेटी आत्मनिर्भर बनने के लिए आगे बढ़ें और छोटा-मोटा स्वरोजगार स्थापित करें, उन्हें इसके लिए साढ़े सात लाख रूपये तक का ऋण दिया जाएगा। इस पर 15 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। सौभाग्य योजना के तहत गरीबों को बिजली का निःशुल्क कनेक्शन दिया जाएगा। कर्मचारी कल्याण के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। लेकिन कर्मचारी भी म.प्र. की जनता के कल्याण की चिंता करें। म.प्र.को विकसित राज्य बनाने के लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा।

इस वर्ष तेंदुपत्ता संग्राहकों के लिए चरणपादुका योजना प्रारंभ की गई है, जिसमें संग्राहकों को जूता/चप्पल एवं पानी की बॉटल तथा महिला संग्राहकों को इनके अतिरिक्त साड़ी दी जाएगी। इससे 21 लाख से अधिक संग्राहक लाभान्वित होंगे। सरकार ने महुआ फूल, महुआ गुल्ली तथा अचार गुठली का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया है और संग्राहकों से उसके क्रय की व्यवस्था को बेहतर बनाया है।

मुख्य समारोह में शालेय छात्र-छात्राओं ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए देशभक्ति के रंग बिखेरे। सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वालों में नेशन हायर सेकेण्ड्री स्कूल को प्रथम, विद्या भवन उ.मा.वि. को द्वितीय तथा प्रेसीडेंसी उ.मा.वि. को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। उत्कृष्ट झांकियों में कृषि विभाग ने प्रथम, जेल विभाग ने द्वितीय एवं जिला पंचायत ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने सभी विजेता विद्यालयों एवं विभागों को पुरस्कार प्रदान किया। परेड में शामिल महिला एवं बाल विकास विभाग के शौर्य दल, एन.सी.सी. जूनियर डिवीजन तथा विशेष सशó बल को विजेता घोषित किया गया। मुख्यमंत्री ने विशिष्ट और सराहनीय सेवा के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों को पुरस्कार दिया। उन्होंने अच्छे अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भी पुरूस्कार बांटे। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, युद्ध के शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया। क्षेत्रीय विधायक श्री पन्नालाल शाक्य, विधायक श्रीमती ममता मीणा, नगरपालिका अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह सलूजा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अर्चना चौहान, कलेक्टर श्री राजेश जैन, नागरिकों और स्कूली बच्चों ने गणतंत्र के उत्सव में भाग लिया।