भारतीय सीमा में चीन ने की 600 बार से अधिक घुसपैठ की कोशिश

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इमालवा – नई दिल्ली। लद्दाख में चीनी सेना के घुसपैठ ने खतरे की घंटा बजा दी है। हालांकि ऎसा पहली बार नहीं हुआ है। सरकार के अनुसार चीनी सेना 600 से अधिक बार 4,057 किमी लंबी एलएसी लांघ कर भारत में घुसपैठ कर चुकी है। 

तीनों सेक्टर में करता है चीन घुसपैठ –

हाल की घटना 15 अप्रेल की है। चीनी सेना ने 15 अप्रेल को भारतीय सीमा में प्रवेश के बाद लद्दाख में एक टैंट पोस्ट भी तैनात कर दी थी। चीन तीनों सैक्टर -पश्चिमी (लद्दाख),मध्य (उत्तराखंड,हिमाचल प्रदेश) व पूर्वी (सिक्किम,अरूणाचलप्रदेश) में अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है। हालांकि चीनी सेना घुसपैठ के बाद लौट जाती है लेकिन चिंता की बात यह है कि वह हर बार घुसपैठ का दायरा बढ़ा रही है। वह भारत में और अंदर आती जा रही है। यह पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का आक्रामक रवैया है लेकिन इतना सब होने के बाद भी भारत सरकार अक्सर इसे घुसपैठ मानने से बचती रही है। 

पांच एअरबेस,विशाल रेल नेटवर्क बना रहा है चीन –

कई विश्लेषकों का मानना है कि चीन स्वायतशासी तिब्बत क्षेत्र में व्यापक सैन्य आधारभूत ढांचा विकसित कर रहा है। चीन यहां पांच एअरबेस,विशाल रेल नेटवर्क व 58 हजार किमी लंबी सड़कों का निर्माण कर रहा है। भारत पर दबाव बनाए रखने के तहत चीन धीरे-धीरे नए नक्शे के निर्माण की आक्रामक योजना की ओर बढ़ रहा है। पिछले साल ही केंद्रीय ग्रह राज्य मंत्री एम रामचंद्रन ने माना था कि पीएलए सैनिकों ने 2010 में 228,2011 में 213 व 2012 अप्रेल तक 64 बार भारतीय सीमा में घुसपैठ की।

200 फीट लंबी दीवार क्षतिग्रस्त कर दी थी –

चीनी सेना ने अरूणाचल प्रदेश के तवांग में 2010 में 200 फीट लंबी दीवार क्षतिग्रस्त कर दी थी। भारत ने बीजिंग से कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए इस दीवार का पुन: निर्माण कर दिया था। सामरिक रूप से महत्वपूर्ण ट्रिग हाइट्स व पैंगोंग त्सो झील में गश्त में भी 2009 के बाद से इजाफा हुआ है। इसके अलावा चीन ने तिब्बत व सिक्किम के बीच 206 किमी लंबे बॉर्डर पर भी अपना दावा जताने में तेजी ला दी है। भारत इस विवाद को सुलझा हुआ मान चुका था। इसमें भी राज्य के उत्तरी क्षेत्र में 2.1 स्क्वेयर किमी के “फिंगर एरिया” चिंता का विषय बना हुआ है।