राम जेठमलानी 6 साल के लिए बीजेपी से निष्‍कासित

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राम जेठमलानी को बीजेपी आलाकमान से बगावत की सजा आखिरकार मिल ही गई। बीजेपी ने उन्हें 6 साल के लिए बर्खास्त कर दिया है। ये फैसला बीजेपी की संसदीय बोर्ड की बैठक में लिया गया।

आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले राम जेठमलानी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बीजेपी की जमकर आलोचना की थी। उसके बाद राम जेठमलानी को पार्टी ने सस्पेंड कर नोटिस दिया था। और इस नोटिस का जेठम…

राम जेठमलानी को बीजेपी आलाकमान से बगावत की सजा आखिरकार मिल ही गई। बीजेपी ने उन्हें 6 साल के लिए बर्खास्त कर दिया है। ये फैसला बीजेपी की संसदीय बोर्ड की बैठक में लिया गया।

आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले राम जेठमलानी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बीजेपी की जमकर आलोचना की थी। उसके बाद राम जेठमलानी को पार्टी ने सस्पेंड कर नोटिस दिया था। और इस नोटिस का जेठमलानी ने जो जवाब दिया, उससे बीजेपी आलाकमान सहमत नहीं थी। राम जेठमलानी को निकाले जाने की वजह पार्टी के खिलाफ बयानबाजी और अनुशासनहीनता बताया गया है।

पिछले काफी समय से बीजेपी बीजेपी और जेठमलानी के सुर नहीं मिल रहे हैं, इसलिए पहले 25 नवंबर 2012 को उन्‍हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया। यह निलंबन राम जेठमलानी के उस बयान के बाद किया गया था, जिसमें उन्‍होंने सीबीआई निदेशक की नियुक्ति को जायज ठहराया था। इसके अलावा उन्‍होंने पार्टी नेतृत्व को कार्रवाई करने की चुनौती तक दे डाली थी।

अब आपको दिखाते हैं उस खत का पूरा मजमून, जिसके जरिए राम जेठमलानी को बाहर किए जाने का ऐलान किया गया…

‘भारतीय जनता पार्टी की केन्द्रीय संसदीय बोर्ड ने 26 नवंबर 2012 को आपको कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसका आपको 10 दिनों के भीतर जवाब देना था। 5 दिसम्बर 2012 को बीजेपी अध्यक्ष ने मेल के ज़रिये कारण बताओ नोटिस की मियाद 20 और दिनों के लिए बढ़ा दी थी। 4 दिसम्बर 2012 को लिखे अपने जवाब में आपने कई सवाल उठाए, लेकिन कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं दिया। आपने पार्टी के काम-काज पर कई गलत आरोप मढ़े। आपने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से जुड़े कई सवाल उठाए, जिनका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। 26 नवम्बर 2012 को पार्टी अध्यक्ष को लिखा आपका पत्र भी कुछ इसी तर्ज पर था।27 मई 2013 को पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह की अगुवाई में हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में आपके दिये जवाबों पर विचार किया गया बोर्ड ने पाया है कि आपने कारण बताओ नोटिस में खुद पर लगे आरोपों का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया है। आपने पार्टी की फजीहत कराने वाले अपने बयानों पर भी कोई जवाब नहीं दिया है। आपने लोकसभा और राज्य सभा में विपक्ष के नेताओं पर लगाए अपने आरोपों के बारे में भी कोई जवाब नहीं दिया है, बल्कि आपने ये कहते हुए पार्टी की और किरकिरी कराई है कि पार्टी में आपके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की कूवत नहीं है। आपके सभी जवाबों का आकलन करने के बाद संसदीय बोर्ड ने एकमत से आपको अनुशासनहीनता का दोषी पाया है, और आपको पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित करने का फैसला किया है।”

राम जेठमलानी पहले कई बार कह चुके हैं कि वह पार्टी के किसी भी सदस्‍य से अपने किए के लिए माफी नहीं मांगेंगे। वह सही हैं और किसी भी दबाव में झुकने वाले नहीं हैं।