उत्तर प्रदेश में अगले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी किसी भी राजनीतिक पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी. इसका ऐलान समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किया है. प्रयागराज की पूर्व सपा विधायक विजमा यादव की बेटी के शादी समारोह में पहुंचे अखिलेश यादव अपने चाचा और यूपी के पूर्व मंत्री शिवपाल यादव को अगले चुनाव में साथ लेने के सवाल को भी टाल गए. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी सरकार और केंद्र सरकार पर भी जमकर हमला बोला.
अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) लोगों को डराकर और नफरत फैलाकर राजनीति करना चाहती है. उन्होंने कहा कि जिन संस्थाओं ने देश और समाज को बेहतरीन लीडर दिए हैं, फिर चाहे वो शिक्षा के क्षेत्र की संस्थाएं हों या फिर मेडिकल के क्षेत्र की संस्थाएं, उनको बीजेपी खराब कर रही है. बीजेपी अपने निजी फायदे के लिए ऐसी संस्थाओं का राजनीतिकरण कर रही है.
इस दौरान यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी सरकार में किए गए कामों को भी गिनाया. एक सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने कहा कि अभी 2022 का विधानसभा चुनाव अभी बहुत दूर है और तब तक न जाने कितने मुख्यमंत्री पद के दावेदार आएंगे. अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने सूबे को गड्ढा मुक्त बनाने वादा किया था, लेकिन अभी तक इस वादे को पूरा नहीं किया. अखिलेश यादव ने कहा कि युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है और बैंक डूब रहे हैं.
इस दौरान जब अखिलेश यादव से महाराष्ट्र के सियासी संग्राम को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में हमारी संख्या तो अभी दो है. ऐसे में राज्यपाल हमको तो सरकार बनाने के लिए नहीं बुलाएंगे. हालांकि महाराष्ट्र में जल्द ही कोई न कोई गठबंधन सरकार दिखाई देगी. इसके अलावा जब अखिलेश यादव से एनआरसी पूरे देश में लागू करने के बीजेपी के ऐलान के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि एनआरसी की चर्चा करने वाली बीजेपी पहले यह बताए कि क्या युवाओं को नौकरी मिली? किसानों का धान कब खरीदा जाएगा?
अखिलेश यादव ने कहा कि साल 2022 में समाजवादी पार्टी सरकार बनाने जा रही है. हम किसी भी पार्टी से कोई गठबंधन नहीं करेंगे. साल 2022 में समाजवादी पार्टी कैसे सरकार बनाए, उसकी तैयारी शुरू कर दी गई है. अगले चुनाव में किसी पार्टी के साथ कोई समझौता नहीं होगा.
इस दौरान अखिलेश यादव ने जेएनयू विवाद पर भी अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि यजेएनयू में हॉस्टल फीस बढ़ाने के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले छात्र तो सिर्फ यही चाह रहे हैं कि वहां पढ़ाई अच्छी हो जाए. समाजवादी पार्टी का यही मानना है कि गरीबों और बेटियों को मुफ्त शिक्षा मिले.