एनडीए का टूटना अब महज औपचारिकता भर रह गया है। जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव देर शाम पटना पहुंचे मगर मीडिया के सामने केवल आज होने वाली बैठक की बात कह कर सस्पेंस बरकरार रखा। वहीं नीतीश कुमार के बुलावे पर बीजेपी कोटे से डिप्टी सीएम मिलने नहीं गये। खबर यह भी है कि सुशील मोदी और बीजेपी के बाकी मंत्री आज नीतीश कुमार को अपना इस्तीफा दे देंगे।
क्या 17 साल पुराने…
एनडीए का टूटना अब महज औपचारिकता भर रह गया है। जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव देर शाम पटना पहुंचे मगर मीडिया के सामने केवल आज होने वाली बैठक की बात कह कर सस्पेंस बरकरार रखा। वहीं नीतीश कुमार के बुलावे पर बीजेपी कोटे से डिप्टी सीएम मिलने नहीं गये। खबर यह भी है कि सुशील मोदी और बीजेपी के बाकी मंत्री आज नीतीश कुमार को अपना इस्तीफा दे देंगे।
क्या 17 साल पुराने सियासी रिश्ते का आज खात्मा होने जा रहा। देर रात पटना पहुंचे जेडीयू अध्यक्ष शरद पवार ने मामले पर अपने पत्ते नहीं खोले- सिर्फ बैठक का जिक्र भर किया।
शरद यादव भले ही खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हों मगर हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कल, प्रदेश बीजेपी के नेताओं ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने से इनकार कर दिया। इसके बाद नीतीश कुमार ने डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी और नंदकिशोर यादव को मुलाकात के लिए बुलाया मगर वो भी नहीं गए। यही नहीं सरकार में बीजेपी कोटे के मंत्रियों ने अपना कामकाज और सरकारी गाड़ी छोड़कर प्राइवेट गाड़ियों का इस्तेमाल शुरु कर दिया है। अब बीजेपी ने जेडीयू विधायकों से ये पूछना शुरू कर दिया है कि वो जनता के सामने क्या जवाब देंगे।
जिन सी पी ठाकुर को लग रहा था कि सीएम के बुलाने पर बीजेपी कोटे के मंत्रियों को मिलने जाना चाहिए शाम होते होते उनके सुर भी बदल गए।
साफ है, अब गठबंधन के जिंदा रहने की गुंजाइश ना के बराबर है। हालांकि दिल्ली में शरद ने इस बात से इनकार किया कि बीजेपी के सामने शर्त कोई रखी गई थी।
बहरहाल, अब सबकी नजरें जेडीयू की बैठक पर टिकी हैं जिसमें एनडीए के भविष्य का फैसला तो होगा ही। साथ ही देश में विपक्ष की सियासत के नये समीकरणों की दशा और दिशा भी तय होगी।
एनडीए के इस झगड़े पर लालू प्रसाद यादव की भी पैनी नज़र है। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री को अवसरवादी करार दिया।
सियासत में कोई पर्मानेंट दोस्त या दुश्मन नहीं होता। अभी नीतीश ने बीजेपी का दामन छोड़ा भी नहीं कि कांग्रेस ने उनपर डोरे डालना भी शुरू कर दिया है। पार्टी के प्रवक्ता ने जेडीयू को सेक्यूलर होने का सर्टिफिकेट थमाने में देर नहीं लगाई। वहीं राहुल गांधी को कहना था कि आलाकमान जेडीयू को यूपीए में शामिल करने पर फैसला लेगी।