रिजर्व बैंक ने नहीं घटाईं ब्याज दरें…

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लोगों को ईएमआई में अभी राहत नहीं मिलेगी, भारतीय रिजर्व बैंक ने खाद्य मुद्रास्फीति की ऊंची दर, रुपये में गिरावट और विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश-प्रवाह को लेकर अनिश्चितता के चलते ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है। रिजर्व बैंक की सोमवार को पेश मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा में रेपो दर को 7.25 प्रतिशत व नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को 4 फीसद…

रिजर्व बैंक ने नहीं घटाईं ब्याज दरें...

लोगों को ईएमआई में अभी राहत नहीं मिलेगी, भारतीय रिजर्व बैंक ने खाद्य मुद्रास्फीति की ऊंची दर, रुपये में गिरावट और विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश-प्रवाह को लेकर अनिश्चितता के चलते ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है। रिजर्व बैंक की सोमवार को पेश मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा में रेपो दर को 7.25 प्रतिशत व नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को 4 फीसद के स्तर पर बरकार रखा गया है।

रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव ने यहां समीक्षा पेश करते हुए कहा, ”मौद्रिक नीति का ताजा रुख आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति के बीच इस समय उभर रहे पारस्परिक प्रभाव, जोखिम के संतुलन के अलावा बाह्य क्षेत्र के हाल के घटनाक्रमों के आधार पर तय किया गया है।”

इसके साथ ही उन्होंने विशेष रूप से अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रोत्साहन पैकेज को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के फैसले का जिक्र किया। फेडरल रिजर्व की ओर से 22 मई को की गई इस घोषणा के बाद भारत सहित अन्य उभरते बाजारों से धन की निकासी शुरू हो गई थी और इससे विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर के समक्ष रुपया नीचे आ गया है। चालू खाते का घाटा पहले ही चिंता का विषय बना हुआ है।

दिसंबर तिमाही में चालू खाते का घाटा सकल घरेलू उत्पाद के रिकार्ड स्तर 6.7 प्रतिशत पर पहुंच गया था। लोगों की उम्‍मीद थी कि रिजर्व बैंक ब्‍याज दरों में कुछ बदलाव करेगा जिससे कुछ राहत मिलेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।