मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया से बचाव के लिए प्रशिक्षण

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रतलाम के विरियाखेडी स्थित जिला प्रशिक्षण केन्‍द्र पर मलेरिया डेंगू चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से बचाव के लिए वेक्‍टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम संबंधी स्‍वास्‍थ्‍य सेवाप्रदाताओं का प्रशिक्षण सोशल डिस्‍टेंसिंग रखते हुए दो बैच में संपन्‍न किया गया।

सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर ननावरे ने बताया कि सभी स्‍वास्‍थ्‍य कार्यकर्ता क्षेत्र में भ्रमण के दौरान बुखार के मरीजों की निगरानी बनाए रखें एवं आवश्‍यक जॉंच उपचार करें। प्रशिक्षण को संबोधित करते हुए मेडिकल कॉलेज रतलाम के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. ध्रुवेन्‍द्र पांडे ने कहा कि मलेरिया मुख्‍य रूप से वायवेक्‍स और फेल्‍सीपेरम दो प्रकार का पाया जाता है जो कि मादा एनाफिलिस नामक मच्‍छर के काटने से होता है। इसके सामान्‍य लक्षण ठंड लगकर तेज बुखार आना, सिरदर्द, हाथ-पैर और मांसपेशियों में दर्द, बुखार उतरने के बाद थकावट व कमजोरी होना है। इसके लिए रक्‍त की जॉंच की जाती है। रक्‍त की जॉंच में रिपोर्ट पॉजिटिव आने की दशा में पूरा उपचार कराना आवश्‍यक है। उपचार बीच में छोडने की दशा में रोग के गंभीर होने की आशंका रहती है। मलेरिया के पाजिटीव मरीज को मच्‍छरदानी का उपयोग अनिवार्य रूप से करना चाहिए ताकि संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके।

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. प्रमोद प्रजापति ने संबोधित करते हुए बताया कि मच्‍छर ठहरे हुए पानी में उत्‍पन्‍न होते हैं इसलिए लार्वा की ब्रीडिंग के सभी स्रोतों को समाप्‍त करना चाहिए। छत पर रखी पानी की खुली टंकियां, टूटे बर्तन, मटके, कुल्‍हड, गमलों में एकत्र जल में, बेकार फेंके हुए टायरों में एकत्र जल में, कूलर में एकत्र जल में, किचन गार्डन में रूका हुआ पानी आदि जगहों पर लार्वा उत्‍पन्‍न होने की संभावना होती है। मलेरिया एवं डेंगू जैसे रोगों से बचाव के लिए सोते समय मच्‍छरदानी का उपयोग करें, घर के आसपास के गडढों को भर दें। पानी से भरे स्‍थानों पर मिटटी का तेल या जला हुआ इंजन आईल डाल दें। सप्‍ताह में एक बार अपने टीन डिब्‍बा, बाल्‍टी, इत्‍यादि का पानी खाली कर दें । दोबारा उपयोग होने पर उन्‍हें अच्‍छी तरह धोकर सुखाऐं आवश्‍यकता होने पर ढंक कर भरें। सप्‍ताह में एक बार कूलर्स का पानी खाली कर दें फिर सुखाकर ही उनका उपयोग करें। बर्तन आदि को ढंक कर रखें। हैंडपंप के आसपास पानी एकत्र ना होने दें। बुखार होने पर नजदीकी शासकीय स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र पर जाकर मलेरिया की जॉंच कराऐं।

मलेरिया का पूरा निःशुल्‍क उपचार शासकीय स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों पर उपलब्‍ध है। प्रशिक्षण के दौरान सहायक मलेरिया अधिकारी श्री वसुनिया, आशीष चौरसिया एवं अन्‍य अधिकारी कर्मचारी आदि उपस्थित रहे ।