जिले में मनरेगा कार्यों से मिल रहा है 18 हजार से ज्यादा मजदूरों को रोजगार

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कोरोना काल में मनरेगा योजना जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का सशक्त माध्यम सिद्ध हो रही है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के निर्देश पर रतलाम जिले में भी बड़ी संख्या में मनरेगा योजना में काम खोले गए हैं। इन कार्यों से 18 हजार 500 मजदूरों को रोजगार मिल रहा है।

जिले में मनरेगा योजना के तहत 4 हजार से ज्यादा कार्य वर्तमान में संचालित हैं, इनमें अधिकतर कार्य जल संवर्धन, जल संरक्षण से संबंधित हैं। यह कार्य ग्रामीण मजदूरों को रोजगार दिलाने में सहायक सिद्ध हुए हैं। इन कार्यों से ग्रामीण मजदूरों की आजीविका आसान हो गई है, उनको अपने घर में ही रोजगार मिल रहा है। जिले में 13 हजार 681 कार्य मनरेगा योजना में स्वीकृत किए गए थे जिनमें से 4094 कार्य संचालित हैं, जिनमे 18 हजार 500 मजदूर कार्य कर रहे हैं।

जिले की सभी 418 ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत कार्य खोले गए हैं। कोरोना काल में मनरेगा योजना से अब तक 1 लाख 10 हजार से ज्यादा मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है। मनरेगा कार्यों द्वारा 26 लाख मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं, मजदूरो को 4706 लाख रुपए कुल मजदूरी भुगतान किया जा चुका है। जिले के आलोट विकासखंड में 556 कार्य संचालित है जिनके द्वारा 3781 मजदूर रोजगार पा रहे हैं। बाजना में 823 कार्यों के माध्यम से 4497 मजदूर तथा जावरा में 520 कार्यों द्वारा 2896 मजदूरों को रोजगार मिल रहा है। इसके अलावा जनपद पंचायत पिपलौदा में 412 कार्य संचालित है जहां 2131 मजदूर कार्य कर रहे हैं। रतलाम में 710 कार्य संचालित हैं, यहां 2709 मजदूर कार्य कर रहे हैं, सैलाना जनपद पंचायत में 1073 कार्य संचालित है। सैलाना में मनरेगा कार्यो से 2486 मजदूर रोजगार पा रहे हैं।