सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर ननावरे ने नशामुक्ति दिवस 2 अक्टूबर के अवसर पर जानकारी देते हुए बताया कि नशीले पदार्थ जैसे शराब, चरस, गांजा, ड्रग्स एवं तम्बाकू उत्पाद जैसे सिगरेट, बीडी, गुटका, खैनी के उपयोग से शरीरिक स्वास्थ्य के साथ सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी गंभीर खतरा पैदा हो जाता है। साथ ही पूरा परिवार संकट में पड जाता है। इनके उपयोग से कैंसर, दिल की बीमारियां, स्ट्रोक, लकवा, गैंगरीन, टीबी, दांतों के रोग, मानसिक रोग जैसी कई बीमारियां होती है। किसी भी प्रकार के नशे को ना कहें। किशोर स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है क्योंकि इस उम्र में बच्चों में इस प्रकार की लत में पडने की संभावना होती है। परिवार में यदि कोई भी सदस्य नशीले पदार्थ का सेवन करता है तो उसे देखकर बच्चों में भी लत लग जाती है। आवश्यक है कि स्वयं भी नशा नहीं करें और दूसरों को भी नशा ना करने दें। नशे की लत छोडने के लिए दृढ संकल्प, इच्छा शक्ति करके नियमित व्यायाम, योग जैसी गतिविधियों को करना चाहिए।
रतलाम जिले को तम्बाकू मुक्त बनाया जाना है। कोटपा कानून की धारा 4 के अंतर्गत सार्वजनिक स्थानों पर धुम्रपान करने पर 200 रूपये तक का जुर्माना करने का प्रावधान है। धारा 5 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध है। धारा 6 (अ) के अनुसार अवयस्कों को तम्बाकू उत्पादों के विक्रय पर प्रतिबंध है। धारा 6 (ब) के अनुसार शैक्षणिक संस्थाओं के 100 गज के दायरे में तम्बाकू उत्पादों के विक्रय पर प्रतिबंध है। धारा 7 के अनुसार सभी तम्बाकू उत्पादों पर स्वास्थ्य संबंधी विर्नीदिष्ट चेतावनी अनिवार्य रूप से अंकित होना प्रावधानित है।
नशा मुक्ति के लिए परामर्श सेवाऐं प्राप्त करने के लिए टोल फ्री नंबर 18002330175 अथवा 08046110007 पर संपर्क कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए जिला चिकित्सालय में मनोरोग चिकित्सक डॉ. निर्मल जैन से संपर्क कर निःशुल्क परामर्श एवं उपचार प्राप्त कर सकते हैं।