शेयर बाजारों में पिछले तीन दिनों से जारी गिरावट पर सोमवार को विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स 144 अंक की तेजी के साथ बंद हुआ। उत्साहजक वृहत आर्थिक आंकड़े के बीच बैंक तथा वित्तीय कंपनियों के शेयरों की अच्छी मांग से रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में गिरावट का बाजार पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। इसके अलावा वैश्विक बाजारों में सकारात्मक प्रवृत्ति से भी धारणा पर बल मिला।
हालांकि अमेरिकी डॉलर के मुकाले रुपए में गिरावट से तेजी पर अंकुश लगा। उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 143.51 अंक यानी 0.36 प्रतिशत की बढ़त के साथ 39,757.58 अंक पर बंद हुआ हुआ। कारोबार के दौरान इसमें 633.11 अंक का उतार-चढ़ाव आया। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 26.75 अंक यानी 0.23 प्रतिशत की बढ़त के साथ 11,669.15 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल शेयरों में सर्वाधिक लाभ में इंडसइंड बैंक रहा। इसमें 7.10 प्रतिशत की तेजी आई। इसके अलावा आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी, भारती एयरटेल, भारतीय स्टेट बैंक, बजाज फाइनेंस और एचडीएफसी बैंक में भी अच्छी तेजी रही।
आईसीआईसीआई बैंक ने शनिवारको कहा कि उसका एकीकृत लाभ सितंबर तिमाही में 4,882 करोड़ रुपए रहा। मुख्य रूप से आय बढ़ने और महामारी संबंधी प्रभाव को लेकर कम प्रावधान से बैंक का लाभ बढ़ा है। वहीं आवास ऋण कंपनी एचडीएफसी लि. ने सोमवार को कहा कि उसका एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 57.5 प्रतिशत घटकर 4,600 कराड़ रुपए रही। हालांकि कंपनी ने कहा कि 30 सितंबर, 2019 को समाप्त तिमाही में उसे जा लाभ हुआ था, उसमें 8,000 करोड़ रुपए अनुषंगी गृह फाइनेंस लि. का नियंत्रण छोड़ने से जुड़ा था। दूसरी तरफ रिलायंस इंडस्ट्रीज सर्वाधिक नुकसान में रही। इसमें 8.62 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
कंपनी ने शुक्रवार को दी सूचना में कहा कि तेल और रसायन कारोबार में नरमी से दूसरी तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 15 प्रतिशत घटा है। जिन अन्य शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, उनमें एचसीएल टेक, टीसीएस, टाटा स्टील, एशियन पेंट्स, बजाज ऑटो, मारुति और अल्ट्राटेक सीमेंट शामिल हैं। इनमें 2.49 प्रतिशत की गिरावट आई। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘पिछले सप्ताह के अंत में जो चीजें हुई थी, उसका असर सोमवार को बाजार पर पड़ा। हालांकि निवेशकों ने बैंकों के शेयरों में रूचि दिखाई, जिससे कुछ सुधार हुआ। बैंक शेयरों में लिवाली का करण दूसरी तिमाही के परिणाम का बेहतर होना है।