रुपये में गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है। बुधवार को रुपया सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। एक डॉलर की कीमत 60 रुपये 33 पैसे हो गई है। इससे पहले कभी रुपये में ऐसी गिरावट देखने को नहीं मिली है। इसका असर कई चीजों पर पड़ना तय माना जा रहा है, जिसमें कच्चा तेल भी शामिल है।
दरअसल, बैंकों और आयातकों की और से डालर मांग बढ़ने से बुधवार को कारोबार के दौरान र…
रुपये में गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है। बुधवार को रुपया सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। एक डॉलर की कीमत 60 रुपये 33 पैसे हो गई है। इससे पहले कभी रुपये में ऐसी गिरावट देखने को नहीं मिली है। इसका असर कई चीजों पर पड़ना तय माना जा रहा है, जिसमें कच्चा तेल भी शामिल है।
दरअसल, बैंकों और आयातकों की और से डालर मांग बढ़ने से बुधवार को कारोबार के दौरान रुपया प्रति डालर 60.33 रुपये के सर्वकालिकि न्यूनतम स्तर तक गिर गया। अंतर बैंकिंग मुद्रा विनिमय बाजार में आज रुपये में धीमी शुरुआत हुई और जल्द ही यह 69 पैसे लुढ़ककर 60.35 रुपये प्रति डॉलर के नए सर्वकालिक निचले स्तर तक गिर गया।
विदेशी मुद्रा डीलरों ने बताया कि तेल कंपनियों और बैंकों की तरफ से लगातार डॉलर की मांग आ रही थी। उधर स्थानीय शेयर और ऋण बाजार से विदेशी मुद्रा की लगातार निकासी के चलते रुपये की विनिमय दर लगातार गिरती जा रही है। दुनिया के बाजारों में डॉलर की लगातार मजबूती से भी रुपया दबाव में बना हुआ है। बाजार में धारणा है कि डॉलर की मंदी थामने के लिए रिजर्व बैंक हस्तक्षेप कर सकता है।
एक तरफ रुपया की कीमत घट रही है, तो दूसरी ओर सोने की कीमत में गिरावट आ रही है। सोना 714 रुपए घटकर 25845 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है।