भारत में अधिकारी बिना घूस लिए काम नहीं करते!

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पूरी दुनिया में भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने हाल ही में एक सर्वे करवाया। सर्वे में 100 से ज्यादा देशों को शामिल किया गया। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि सर्वे में शामिल 54 फीसदी भारतीयों ने यह माना कि उन्हें काम कराने के लिए घूस देनी पड़ी। यही नहीं पिछले दो सालों में देश में भ्रष्टाचार की हालत बद से बदतर हुई है।

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भारत में अधिकारी बिना घूस लिए काम नहीं करते!

पूरी दुनिया में भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने हाल ही में एक सर्वे करवाया। सर्वे में 100 से ज्यादा देशों को शामिल किया गया। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि सर्वे में शामिल 54 फीसदी भारतीयों ने यह माना कि उन्हें काम कराने के लिए घूस देनी पड़ी। यही नहीं पिछले दो सालों में देश में भ्रष्टाचार की हालत बद से बदतर हुई है।

हैरत की बात यह है कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भारत के 54 फीसदी लोगों के मुकाबले सिर्फ 34 फीसदी लोगों ने ही यह माना कि वो घूस देते हैं। ऐसे में सवाल यही कि क्या भ्रष्टाचार हमारे करप्ट कल्चर का हिस्सा बन गया है? क्या सरकारी अफसर या कर्मचारी बिना घूस लिये कोई काम नहीं करते हैं?

देश में बढ़ते भ्रष्टाचार के ग्रॉफ को देखते हुए अन्ना का इतना बड़ा आंदोलन खड़ा हुआ। पूरे देश ने एकजुट होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद की लेकिन नतीजा क्या निकला? भ्रष्टाचार पर लगाम तो लगी नहीं इसके उलट देश में भ्रष्टाचार की जड़े और भी मजबूत हुई हैं। यह हम नहीं कह रहे यह कहना है पूरी दुनिया में भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल का।

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के मुताबिक अधिकतर भारतीय सरकारी कर्मचारी औऱ अफसर बिना घूस लिए काम नहीं करते। संस्था के कराए ताजा सर्वेक्षण के मुताबिक भारत के 54 फीसदी लोगों ने यह खुद माना है कि उन्हें काम कराने के लिए घूस का सहारा लेना पड़ा। इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि देश में भ्रष्टाचार का दायरा कितनी तेजी से फैल रहा है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के ताजा सर्वेक्षण पर गौर करें तो भारत में हर दो में से एक व्यक्ति ने यह बात मानी है कि पिछले दो साल में भ्रष्टाचार की स्थिति बद से बदतर हुई है।

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की और से कराए इस  सर्वेक्षण में 100 से ज्यादा देशों के लोगों को शामिल किया गया था। इस संस्था के सालाना ‘ग्लोबल करप्शन बैरोमीटर’ में भाग लेने वाले दुनियाभर के 27 फीसदी लोगों का कहना था कि उन्होंने पिछले साल सरकारी काम के लिए घूस दी थी। हालांकि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तानी में भारत के 54 फीसदी के मुकाबले सिर्फ 34 फीसदी लोगों नें ही घूस देने की बात कही। सबसे ज्यादा लाइबेरिया से 75 फीसदी लोगों ने रिश्वत देने की बात को माना। इसके अलावा यमन के 74 फीसदी, कीनिया के 70 फीसदी और जिम्बाव्बे के 62 फीसदी लोगों ने यह मान की घूम दिये बिना कोई काम नहीं चलता। हालांकि जापान और डेनमार्क में ऐसे लोगों की तादाद सिर्फ एक फीसदी थी।