रघुराम राजन होंगे भारतीय रिजर्व बैंक के अगले गवर्नर

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वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार रघुराम जी. राजन को भारतीय रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किया गया है। राजन (50) केन्द्रीय बैंक के 23वें गवर्नर होंगे और डी. सुब्बाराव का स्थान लेंगे। सुब्बाराव 4 सितंबर को गवर्नर का पद छोड़ेंगे।

रघुराम राजन ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुख्य अर्थशास्त्री के रप में वर्ष 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट की…

वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार रघुराम जी. राजन को भारतीय रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किया गया है। राजन (50) केन्द्रीय बैंक के 23वें गवर्नर होंगे और डी. सुब्बाराव का स्थान लेंगे। सुब्बाराव 4 सितंबर को गवर्नर का पद छोड़ेंगे।

रघुराम राजन ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुख्य अर्थशास्त्री के रप में वर्ष 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट की भविष्यवाणी की थी। संकट के गहराने के बाद उन्हें इस भविष्यवाणी के लिए बड़ी ख्याति मिली।  

वित्त मंत्रालय की मंगलवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने डा. रघुराम राजन को तीन साल के लिये भारतीय रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किये जाने को मंजूरी दे दी। डी. सुब्बाराव का कार्यकाल पूरा होने पर राजन गवर्नर का पद संभालेंगे।

मौजूदा गवर्नर सुब्बाराव ने मुद्रास्फीति पर अंकुश रखने के लिये मौद्रिक नीति में लगातार सख्ती पर जोर दिया। सरकार और उद्योग जगत की तरफ से बार बार आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिये ब्याज दरों में नरमी लाने के आग्रह के बावजूद उन्होंने मुद्रास्फीति को ही अपनी प्राथमिकता बताया।

राजन को पिछले साल अगस्त में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया था। उन्हें ऐसे वक्त गवर्नर बनाया जा रहा है जब कि अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है, रुपया लगातार गिर रहा है और खुदरा बाजार में महंगाई उच्च स्तर पर बनी हुई है। इसके साथ ही चालू खाते का घाटा (कैड) अब तक के उच्च स्तर पर बना हुआ है। इस लिहाज से उनके लिये नई जिम्मेदारी काफी चुनौतीपूर्ण होगी। 

नियुक्त की घोषणा होने के बाद एक वक्तव्य में राजन ने कहा यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये चुनौतीपूर्ण समय है, ऐसे में रिजर्व बैंक और सरकार मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा हमारे पास ऐसी कोई जादू की छड़ी तो नहीं है कि समस्यायें एक झटके में समाप्त हो जायें, लेकिन इतना जरूर है कि हम उनसे निपट लेंगे।

राजन ने कहा है कि रिजर्व बैंक में एकजुटता, स्वतंत्रता और पेशवराना तरीके से काम करने की परंपरा रही है। राजन को उनकी साफगोई के लिये जाना जाता है। उन्होंने वर्ष 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बारे में तीन साल पहले ही संकेत दे दिया था। वर्ष 2005 में इस विषय में उनके एक संबोधन के लिये वित्तीय क्षेत्र में उनकी तीखी आलोचना की गयी थी । उस भाषण में उन्होंने कहा था कि वित्तीय क्षेत्र में गंभीर संकट आने वाला है।

आईआईएम अहमदाबाद और आईआईटी दिल्ली के छात्र रहे राजन प्रधानमंत्री के मानद आर्थिक सलाहकार भी रहे हैं। उन्हें पिछले साल कौशिक बसु के स्थान पर वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया। राजन की रिजर्व बैंक गवर्नर के पद पर नियुक्ति का आर्थिक और उद्योग जगत में स्वागत किया गया।

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष डा. सी. रंगराजन ने उनकी नियुक्ति पर कहा मौजूदा परिस्थितियों में राजन एक बेहतर गवर्नर साबित होंगे क्योंकि वह पिछले एक साल से इन समस्याओं से जूझ रहे हैं।

योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा राजन कठिन समय में गवर्नर का पद संभालने आ रहे हैं, लेकिन उनका अकादमिक और पेशेवर रिकार्ड बेहतर है।

भारतीय उद्योग परिसंघ के पूर्व अध्यक्ष आदि गोदरेज ने राजन की नियुक्ति का स्वागत करते हुये कहा कि उनका वैश्विक अनुभव और वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के तौर पर उनकी भूमिका उन्हें बेहतर स्थिति में रखेगी।