इमालवा – भोपाल | प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों के नामों की सूची अब दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी के पास पहुचं गई है। चुनाव समिति ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से 1 से 5 तक नामों का पेनल बनाकर भेजा हैं।
सूत्रों के अनुसार अब अंतिम फैसला कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के कार्यालय से होगा | इसमें उनके सर्वे को प्रमुख आधार माना जाएगा। चार चरणों के इस सर्वे के आधार पर यदि उम्मीदवारी का फैसला लिया गया तो कई क्षेत्रों से ऐसे नाम भी सामने आ सकते है जो पेनल में ही शामिल नहीं है | विगत रविवार को चुनाव समिति की आखिरी बैठक में 158 सीटों के लिए 3-3 नाम दिए गए हैं, वहीं 40 सीटों पर 1-1 नाम दिया गया है। शेष 32 सीटों पर 5-5 नाम का पैनल बनाया गया है।
40 सीटों पर 1-1 नाम का निर्णय होने के बाद भी पक्का नहीं है कि इन्हीं नामों को अंतिम रूप से मान्य किया जाएगा। स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक 26-27 सितंबर को होने वाली है। एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता के अनुसार, ‘अभी स्क्रीनिंग कमेटी और वर्किंग कमेटी के पास ये पैनल जाएंगे। इसका मतलब है कि चुनाव समिति से भले ही एक नाम चला गया हो, जरूरी नहीं है कि वही अंतिम नाम ही तय हो।’
राहुल का चौथा सर्वे
मध्य प्रदेश में वरिष्ठ नेताओं की राय ली जा रही है और उनसे उम्मीदवारों के नाम भी लिए जा रहे हैं, लेकिन टिकटों का फैसला अंत में जीतने की काबिलियत के आधार पर ही होगा।
जीतने की काबिलियत के बारे में कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी के कार्यालय से कुछ मापदंड तैयार किए गए हैं। राहुल गांधी का कार्यालय चार चरणों का एक सर्वे कर रहा है। जिसके दो चरण हो चुके हैं। उन दो चरणों के सर्वे में करीब 180 नामों का चुनाव तकरीबन कर लिया गया है।
तीसरे चरण के सर्वे में इस बात का पता लगाया जा रहा है कि लोगों की सोच में कोई डेविएशन तो नहीं हो रहा है। अंत में एक सर्वे चयन किए गए प्रत्याशी के बारे में जनता की राय या धारणा के बारे में किया जाएगा। एक कांग्रेस नेता के अनुसार, ‘चुनाव समिति के फैसले से सर्वे का कोई लेना-देना नहीं है। अंतिम फैसला तो सर्वे के आधार पर ही होगा, ताकि निष्पक्ष और जीतने वाले उम्मीदवार का पता लगाया जा सके। उसके लिए कुछ मापदंड तय किए गए हैं।