प्याज की बढ़ी हुई कीमतों से निकलने वाले आंसू अभी नहीं थमेंगे। कृषि मंत्री शरद पवार ने साफ कह दिया है कि वह प्याज के निर्यात पर रोक नहीं लगने देंगे। इसके पीछे पवार विश्व बाजार में कृषि उत्पादों के निर्यातक बाजार में भारत की साख गिरने की दुहाई दे रहे हैं, लेकिन वह यह भूल गए कि जनता प्याज को इससे कितनी तकलीफ हो रही है।
कृषि मंत्री ने कहा कि प्याज की…
प्याज की बढ़ी हुई कीमतों से निकलने वाले आंसू अभी नहीं थमेंगे। कृषि मंत्री शरद पवार ने साफ कह दिया है कि वह प्याज के निर्यात पर रोक नहीं लगने देंगे। इसके पीछे पवार विश्व बाजार में कृषि उत्पादों के निर्यातक बाजार में भारत की साख गिरने की दुहाई दे रहे हैं, लेकिन वह यह भूल गए कि जनता प्याज को इससे कितनी तकलीफ हो रही है।
कृषि मंत्री ने कहा कि प्याज की तेजी थोड़े अस्थायी है, महाराष्ट्र जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में भारी बारिश के कारण आपूर्ति बाधित हुई है। पवार डेयरी क्षेत्र पर सीआईआई द्वारा आयोजित एक समारोह के दौरान संवाददाताओं से अलग से कहा कि किसी कृषि उत्पाद के निर्यात पर प्रतिबंध उचित नहीं है। भारत ने अब वैश्विक बाजार में कृषि उत्पादों के एक प्रमुख निर्यातक के तौर पर अपने आपको स्थापित कर लिया है। यदि हम निर्यात पर प्रतिबंध लगाते हैं तो यह छवि प्रभावित होगी।
हालांकि सूत्रों के मुताबिक वाणिज्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय कुछ समय के लिए प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध पर विचार कर रहे हैं ताकि देश में प्याज की कीमत कम की जा सके और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान किया जा सके जो पहले ही मंहगाई के बोझ तले दबे हैं।
इस समय दिल्ली में प्याज की कीमत आसमान छू रही है। आम आदमी को प्याज 40 से 50 रुपये किलो में मिल रही है। देश के दूसरे शहरों में भी प्यास की कीमत ज्यादा होने की वजह से यह रसोई से गायब हो गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि प्याज के दाम आने वाले दिनों में और बढ़ेंगे।
इसके बावजूद कृषि मंत्री लोगों की समस्याओं को ताक पर रख अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि को तवज्जो दे रहे हैं।