भारत-पाकिस्तान सहयोग से बढ़ेगा निवेशकों का भरोसा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से पाकिस्तान सहित दक्षिण एशियाई देशों के प्रमुखों को आमंत्रित कर एक मिसाल पेश की है, उससे इंडिया इंक भी गदगद है। भारत का उद्योग जगत मोदी की इस पहल को एक परिपक्व कूटनीतिक फैसले के तौर पर देख रहा है।

उद्योग चैंबर फिक्की ने कहा है कि यह पहल दक्षिण एशिया के सदस्य देशों के बीच शांति स्थापित करने और द्विपक्षीय कारोबारी रिश्ते को नई ऊंचाई पर पहुंचाने वाली साबित हो सकती है। एक ग्लोबल वित्तीय सलाहकार एजेंसी ने कहा है कि इसका असर भारत में होने वाले निवेश पर भी पड़ेगा।

फिक्की के अध्यक्ष सिद्धार्थ बिड़ला का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी व पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच हुई मुलाकात से उम्मीद बंधी है कि दोनों देशों के बीच जल्द ही व्यापारिक रिश्ते प्रगाढ़ बनाने के लिए द्विपक्षीय वार्ता शुरू हो सकती है। एक अन्य उद्योग चैंबर एसोचैम ने न सिर्फ शीर्ष नेताओं के बीच मंगलवार को हुई बातचीत का स्वागत किया है, बल्कि एक व्यापारिक दल को पाकिस्तान ले जाने की घोषणा भी कर दी है। एसोचैम के अध्यक्ष राणा कपूर ने कहा है कि दोनों देशो के बीच अगर रिश्ते सुधरते हैं तो व्यापार बढ़ने के साथ ही इसका आम जनता के जीवन स्तर को सुधारने पर भी असर पड़ेगा।

उद्योग जगत के अलावा बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने भी भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बातचीत को कारोबारी रिश्ते के लिहाज से ऐतिहासिक करार दिया है। मेरिल लिंच का कहना है कि इससे निवेशकों के बीच भारत की छवि सुधारने में मदद मिलेगी। भारत अपने पड़ोसियों को लेकर आक्रामक नीति नहीं अपनाता, यह संदेश निवेशकों के मिजाज को प्रभावित करेगा। भारत आज जिस दौर से गुजर रहा है, उसे इस तरह के ही अनूठे प्रयोगों की जरूरत है।