शेयर ब्रोकरों पर लगाम कसेगा सेबी

0

पूंजी बाजार नियामक (सेबी) शेयर बाजार में निवेशकों के हित सुरक्षित रखने के लिए शेयर ब्रोकरों पर लगाम कसने जा रहा है। सेबी के अनुसार एनएसईएल में हुई वित्तीय गड़बड़ियां बहुत हद तक ब्रोकरों की मिलीभगत से हुई हैं। इसलिए ब्रोकरों की गतिविधियों पर सख्ती जरूरी है।

सूत्रों के अनुसार सेबी ऐसे नियम बनाने जा रहा है, जिससे ब्रोकर बाजार में कोई गड़बड़ी न कर सकें। साथ ही वह निवेशकों के पैसे का इस्तेमाल अपने हित साधने के लिए न कर पाएं। पिछले वित्त वर्ष करीब 200 ब्रोकरों की जांच करवाने के बाद सेबी नियमों में सख्ती की जरूरत महसूस कर रहा है।

सेबी के अनुसार निवेशकों और शेयर बाजार के बीच बिचौलियों के रूप में काम करने वाले शेयर ब्रोकर अकसर निवेशकों के हितों को दरकिनार करते हुए अपने हित साधने के लिए कारोबार करते देखे गए हैं। इस प्रक्रिया में वह कई बार निवेशकों को भ्रामक जानकारी देते हुए और उनके पैसे का इस्तेमाल अपने सौदों के लिए करते पाए गए हैं।

सेबी के अनुसार तेज विकास और पूंजी बाजारों के बीच व्यापक होते संपर्क के साथ ही संचार चैनलों का विस्तार होने से काले धन को सफेद करने वाली गतिविधियां चलाने (मनी लांड्रिंग) वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना सुरक्षा एजेसिंयो और नियामकों के लिए बड़ी चुनौती बतना जा रहा है।

तीन सौ से ज्यादा संपत्तियां अटैच
सेबी बाजार से जुड़े डिफाल्ट और फ्राड के 65 मामलों में तीन सौ से ज्यादा संपत्तियों को अटैच करने की कार्रवाई को आगे बढ़ा रहा है। इन मामलों में गैरकानूनी तरीके से लोगों से पैसे एकत्र करने (मनी पूलिंग) सहित कई तरह के फर्जीवाड़ों के जरिए तकरीबन 2,000 करोड़ रुपये की गड़बड़ियां पकड़ में आई हैं। सेबी के एक अधिकारी के मुताबिक इनमें शारदा चिट फंड जैसे कई ऐसे मामले शामिल हैं, जिनमें अदालत की ओर से भी संपत्ति के अटैचमेंट के आदेश जारी किए गए हैं।