नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि देश की सरकारी बैंकों में भ्रष्टाचार के बढ़ते मामले चिंताजनक बात है। इसे देखते हुए सरकार इनके निदेशक मंडल को व्यावसायिक रूप देने के उपाय कर रही है। इससे इन बैंकों का जोखिम प्रबंधन तंत्र मजबूत हो सकेगा।
इंडियन बैंक द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम में जेटली ने कहा कि सरकारी बैंकों के प्रबंधन को पेशेवर बनाने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। वित्तीय सेवा विभाग इस दिशा में सक्रियतापूर्वक काम कर रहा है। वित्तमंत्री ने किसी बैंक का नाम लिए बगैर कहा कि हाल की कुछ घटनाओं से हमें सबक लेना चाहिए और इसकी पुनरावृत्ति नहीं होना चाहिए।
जेटली का यह बयान इस माह के आरंभ में सिंडीकेट बैंक के चेयरमैन और सीएमडी एसके जैन की 50 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तारी के मद्देनजर बहुत अहम है। जैन ने भूषण स्टील की ऋण सीमा [क्रेडिट लिमिट] बढ़ाने के लिय रिश्वत मांगी थी। इसके अलावा देना और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में 436 करोड़ का एफडी घोटाला भी सामने आया है। इस मामले का फॉरेंसिक ऑडिट शुरू हो गया है।
वित्तमंत्री ने भ्रष्टाचार पर चिंता के साथ ही उम्मीद जताई कि सरकारी बैंकों के कामकाज को पेशवर बनाने से बैंकिंग तंत्र की साख मजबूत भी होगी और सुधरेगी भी। जेटली ने कहा कि बैंकिंग तंत्र में विश्वसनीयता का अत्यधिक महत्व है। हमें इसका स्तर बढ़ाने के लिए हरसंभव उपाय करना चाहिए।