आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ ने बुधवार को कहा कि आयकर की कम दर और छूट दोनों साथ-साथ नहीं चल सकते। जो लोग कर की कम दर चाहते हैं, उनके लिए नई व्यवस्था उपयुक्त है, जबकि छूट पुरानी व्यवस्था में ज्यादा है। उन्होंने यह भी कहा कि बजट में अच्छे वेतन वाली नौकरियां बढ़ाने पर ध्यान दिया गया है। सरकार का मकसद युवाओं को उनकी प्रतिभा के अनुसार प्रशिक्षण देकर बाजार के हिसाब से रोजगार के लिए तैयार करना है।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को पेश बजट में नई कर व्यवस्था में मानक कटौती (स्टैंडर्ड डिडक्शन) को 50,000 रुपए से बढ़ाकर 75,000 रुपए करने और कर स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव किया। बजट में किए गए बदलावों से नई कर व्यवस्था अपनाने वाले कर्मचारियों को 17,500 रुपए तक की कर बचत हो सकती है। उन्होंने कहा कि कुल करदाताओं में से दो-तिहाई यानी लगभग 68 प्रतिशत नई कर व्यवस्था में आ गए हैं, अन्य पुरानी कर व्यवस्था में है। यह पूछे जाने पर कि क्या पुरानी कर व्यवस्था को छोड़ने की तैयारी है, सेठ ने कहा, ‘‘हम किसी को नहीं छोड़ रहे। करदाताओं को जो व्यवस्था अनुकूल लगती है, वे उसे अपना सकते हैं।”
बजट में युवाओं के लिए किए गए उपायों के बारे में सचिव ने कहा, ‘‘यह बजट रोजगार बढ़ाने वाला है। हमारा प्रयास है कि युवाओं को प्रशिक्षण मिले। वे बाजार की जरूरत के अनुसार तैयार हों और उन्हें अच्छे वेतन वाली नौकरियां मिले।” यह पूछे जाने पर कि क्या शिक्षा व्यवस्था में सुधार किये बिना अच्छी नौकरियां सृजित होंगी, उन्होंने कहा, ‘‘इन उपायों से यह सुनिश्चित करना है कि जो भी युवा एक स्तर तक पहुंच गया है, उसे उसकी प्रतिभा के अनुसार प्रशिक्षण देकर रोजगार के लिए तैयार किया जाए।” बजट में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल विकास और अन्य अवसर उपलब्ध कराने की योजनाओं और उपायों के लिए पांच साल की अवधि में दो लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।