उद्योग नई एक्सप्रेसवे परियोजनाओं का लाभ उठाएं: गडकरी

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केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उद्योग जगत से कहा है कि वह 22 नई बनने वाली एक्सप्रेस राजमार्ग परियोजनाओं के क्षेत्र में उपलब्ध व्यापक संभावनाओं का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से वैकल्पिक ईंधन, इलेक्ट्रिक हाइवे और चार्जिंग स्टेशनों जैसे क्षेत्रों में काफी संभावनाएं हैं, जिनका उद्योग लाभ उठा सकता है।

उद्योग मंडल फिक्की द्वारा आयोजित सम्मेलन ‘परिवहन के लिए भविष्य के ईंधन’ को बुधवार को संबोधित करते हुए गडकरी ने विशेष रूप से एक लाख करोड़ रुपये की दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस राजमार्ग परियोजना का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं में एलएनजी स्टेशन, इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन या पेट्रोल पंप लगाने की इच्छुक कंपनियों को फायदा हो सकता है।

मंत्री ने कहा, ‘‘हम दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाइवे सहित 22 नए एक्सप्रेस हाइवे का निर्माण कर रहे हैं। इन 22 में से सात परियोजनाओं पर काम शुरू हो गया है और उद्योग के पास इनमें काफी अवसर हैं। यदि कंपनियां इसके लिए आगे आती हैं तो हम उनको राह दिखा सकते हैं। विशेष रूप से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाइवे के मामले में। हमारा इरादा इसे तीन साल में पूरा करने का है।”

गडकरी ने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर एक इलेक्ट्रिक हाइवे मार्ग की योजना है। इस एक लाख करोड़ रुपये की परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि वह अगले महीने ई-राजमार्गों को देखने के लिए स्वीडन जा रहे हैं। उन्होंने राजमार्गों को ई-राजमार्गों में बदलने के लिए कंपनियों को निवेश के लिए आमंत्रित किया। गडकरी ने कहा कि रिजर्व बैंक ने भरोसा दिलाया है कि वे हमें अवसंरचना रिण 30 साल के लिए देने की अनुमति देंगे। ऐसे में यदि कोई बैंक ऋण योग्य परियोजना 30 साल की है तो इसमें ऋण राशि 13 से 18 साल के दौरान जुटा ली जाएगी।

परियोजना पूरी होने के बाद दो साल तक यथास्थिति की अवधि होगी। तीन साल बाद टोल संग्रहण शुरू होने के पश्चात एक एस्क्रो खाता खोला जाएगा। इस एस्क्रो खाते में एक निश्चित राशि डाली जाएगी। मंत्री ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के पास इस तरह की गारंटी वाली बैंक ऋण योग्य 480 परियोजनाएं हैं। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की तरह पांच अन्य बैंक कर्ज देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान एनएचएआई की वार्षिक आय 40,000 करोड़ रुपये हो जायेगी और आने वाले वर्षों में यह एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जायेगी।