रिलायंस ग्लोबलकॉम बिकने के कगार पर

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मुम्बई. अनिल अम्बानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह ने शनिवार को इस बात की पुष्टि की कि समेना कैपिटल की अगुआई वाले कम्पनियों का एक समूह रिलायंस ग्लोबलकॉम के अधिग्रहण की कोशिशों के आखिरी चरण में है।वार्ता की जानकारी रखने वाले सूत्रों के मुताबिक सौदा 1.2 अरब डॉलर में हो सकता है।रिलायंस समूह ने शेयर बाजार को दी गई एक नियमित सूचना में कहा है, “सौदा पूरा

रिलायंस ग्लोबलकॉम बिकने के कगार पर मुम्बई. अनिल अम्बानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह ने शनिवार को इस बात की पुष्टि की कि समेना कैपिटल की अगुआई वाले कम्पनियों का एक समूह रिलायंस ग्लोबलकॉम के अधिग्रहण की कोशिशों के आखिरी चरण में है।वार्ता की जानकारी रखने वाले सूत्रों के मुताबिक सौदा 1.2 अरब डॉलर में हो सकता है।रिलायंस समूह ने शेयर बाजार को दी गई एक नियमित सूचना में कहा है, “सौदा पूरा होने की अनुमानित समय सीमा मई 2013 है। अभी की स्थिति के मुताबिक यह दावे से नहीं कहा जा सकता है कि सौदा पूरा हो जाएगा। अगर जरूरी होगा, तो सही समय आने पर अगली घोषणा की जाएगी।”शेयर बाजारों को दी गई सूचना में कहा गया, “रिलायंस कम्युनिकेशंस और समेना कैपिटल इस सौदे को लेकर अब बटेलको से बात नहीं कर रहे हैं।”सूत्रों के मुताबिक समेना कैपिटल के अलावा कम्पनियों के समूह में कुछ प्रमुख निजी इक्वि टी फंड हैं, जैसे प्रोविडेंस और कार्लाइल।रिलायंस ग्लोबलकॉम का कारोबार 230 देशों में फैला हुआ है। यह दूरसंचार और सम्बंधित सेवाओं, उद्यमों और उपभोक्ताओं को संचार सेवा उपलब्ध कराती है। पहले इसका नाम फ्लैग टेलीकॉम था।इसके पास दुनिया की सबसे बड़ी समुद्री केबल प्रणाली है, जो 65 हजार किलोमीटर तक फैली हुई है और यह भारत, मध्यपूर्व, एशिया, यूरोप और अमेरिका में रिलायंस कम्युनिकेशंस के 1,90,000 किलोमीटर के आप्टीकल फाइबर नेटवर्क से जुड़ी हुई है।समेना कैपिटल की स्थापना कुल प्रमुख निवेशकों ने 2008 में की थी।