आजादी के बाद देश के सबसे बड़े आर्थिक सुधार ‘एक राष्ट्र-एक कर’ को सरकार कल एक भव्य समारोह के साथ लागू करेगी लेकिन इसमें अधिकतर विपक्षी दल मौजूद नहीं रहेंगे। ऐतिहासिक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) 01 जुलाई 2017 से लागू करने के मौके पर सरकार ने संसद के केन्द्रीय कक्ष में शुक्रवार की आधी रात समारोह का आयोजन किया है, जिसमें राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी घंटा बजाकर देश में नई कर प्रणाली लागू होने का एलान करेंगे।
समारोह में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को किया गया है आमंत्रित
समारोह में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, जीएसटी परिषद के सदस्यों, सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों तथा कई गणमान्य लोगों को आमंत्रित किया गया है। दो पूर्व प्रधानमंत्रियों- मनमोहन सिंह और एच डी देवेगौड़ा को मंच साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया है। समारोह में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को भी बुलाया गया है लेकिन मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस , तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, बहुजन समाज पार्टी और वामपंथी दलों ने इसमें भाग नहीं लेने का एलान किया है।
समारोह एक घंटे से अधिक समय तक चलेगा, जिसे राष्ट्रपति मुखर्जी, पीएम मोदी और वित्त अरुण जेटली संबोधित करेंगे। समारोह में जीएसटी पर दस मिनट की फिल्म भी दिखाई जाएगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्षी दलों से अपनी जिम्मेदारी समझने और अपने निर्णय पर पुनर्विचार कर समारोह में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि सभी राजनीतिक दल अपने इस निर्णय की समीक्षा करेंगे और इस समारोह में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को स्वयं को बड़ा साबित करते हुए अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
वित्त मंत्री ने कहा कि जो लोग जीएसटी पर सलाह-मशविरा और निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल रहे हैं, उन्हें यह भी स्वीकार करना चाहिए कि यह अकेले केन्द्र सरकार का निर्णय नहीं है। इसमें 31 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों की भागीदारी है। उन्होंने कहा कि कई सरकारों के दौरान 15 वर्षाें तक चर्चा के बाद वर्ष 2016 में जीएसटी से जुड़ा संविधान संशोधन विधेयक पारित हो सका।
जीएसटी के लिए अभी तैयारियां पूरी नहीं: विपक्ष
जीएसटी केन्द्रीय उत्पाद शुल्क, विक्रय कर और चुंगी कर, वैट जैसे कई अप्रत्यक्ष करों को मिलाकर बनाया गया है। इसके लागू होने पर लगभग सभी अप्रत्यक्ष कर समाप्त हो जाएंगे और वस्तुओं का एक राज्य से दूसरे राज्य में निर्बाध प्रवेश शुरू हो जाएगा। सरकार कह रही है कि इसके लागू होने से महंगाई नहीं बढ़ेगी और इसका अनुपालन सरल होगा लेकिन कुछ विपक्षी राजनीतिक दलों का कहना है कि इसके लिए अभी तैयारियां पूरी नहीं हैं और कारोबारी भी इसके लिए तैयार नहीं हैं।
विपक्ष में रहते हुए बीजेपी ने किया था जीएसटी का विरोध
जीएसटी का विपक्ष में रहते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ही कड़ा विरोध किया था, लेकिन अब उसका कहना है कि इसके लिए राज्यों के बीच आम सहमति बनाई गई है और लगभग सभी राज्य तैयार हैं। मोदी सरकार द्वारा जीएसटी के लिए प्रयास किए जाने पर कांग्रेस ने भी शुरू में इसका विरोध किया था। हालांकि, अंतत: जीएसटी से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया गया जिससे इसके लागू होने का मार्ग प्रशस्त हो सका।
जीएसटी के विरोध में कई कारोबारी संगठन बंद रखेंगे कारोबार
केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड जीएसटी को लेकर कारोबारियों में जागरूकता पैदा करने और उन्हें इसके लिए प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से पूरे देश में कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। सरकार के सभी मंत्री अलग-अलग क्षेत्रों में आयोजित हो रहे कार्यक्रमों में जीएसटी के फायदे बता रहे हैं जबकि कपड़ा और फर्नीचर व्यापारियों के साथ ही कई कारोबारी संगठनों ने इसके विरोध में कारोबार बंद रखने की घोषणा की है। उद्योग संगठन एसोचैम ने जीएसटी के लिए कारोबारियों के पूरी तरह से तैयार नहीं होने का हवाला देते हुए सरकार से इसको लागू करने की तिथि एक महीने आगे बढ़ाने की अपील की थी।