सरकार नहीं मानी तो किसानों जैसा बड़ा आंदोलन करेंगे बैंक कर्मचारी: यूनियन

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देश में आज सार्वजनिक बैंकों के हड़ताल का दूसरा दिन है. इसकी वजह से सरकारी बैंकों में नकद निकासी, जमा, चेक क्लियरिंग, कारोबारी लेनदेन जैसे बहुत से जरूरी काम रुके हुए हैं. इस बीच स्ट्राइक करने वाली यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी बात नहीं मानती है तो किसान आंदोलन जैसा बड़ा आंदोलन और अनश्चितकालीन हड़ताल की जा सकती है.

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (UFBU) ने इस हड़ताल का आह्वान किया था. यह नौ सार्वजनिक बैंकों के यूनियन का संयुक्त मंच है. यह हड़ताल 15 मार्च को यानी सोमवार को शुरू हुआ और आज इसका अंतिम दिन है.

क्यों हो रही हड़ताल
निजीकरण के विरोध में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लाखों कर्मचारी देशभर में हड़ताल पर हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में IDBI Bank बैंक के अलावा दो और सरकारी बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था. जिसका बैंक कर्मचारी यूनियनों की ओर से लगातार विरोध किया जा रहा है. सरकार ने IDBI बैंक का पहले ही निजीकरण कर दिया है.

क्या कहा यूनियन ने
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA) के महासचिव सौम्य दत्ता ने कहा कि सरकार की नीतियों से अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान होने वाला है. उन्होंने बताया कि सिर्फ कुछ शीर्ष स्तर के अधकिारियों को छोड़कर बैंकों के सभी अध‍िकारियों और कर्मचारियों ने इस हड़ताल में हिस्सा लिया है. उन्होंने कहा, ‘नकद निकासी से लेकर जमा, कारोबारी लेनदेन, लोन प्रोसेसिंग, चेक क्लियरिंग, एकाउंट ओपनिंग जैसे सभी कार्य बंद हैं.’

हड़ताली कर्मचारी देश के विभिन्न शहरों में धरना और प्रदर्शन भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि सरकार उनकी बात नहीं मानती तो वे किसान आंदोलन की तरह अनश्चित कालीन स्ट्राइक कर सकते हैं. दत्ता ने कहा, ‘हम अपने ब्रांचेज के जरिए देश के करोड़ों ग्राहकों से जुड़े हैं. हम उन्हें समझा रहे हैं कि सरकार की गलत नीतियों का उन पर भी किस तरह से असर पड़ेगा.’

हजारों करोड़ के चेक फंसे
भारतीय बैंक कर्मचारी संगठन के महासचिव सीएच वेंकटचालम ने बताया कि हड़ताल से देशभर में करीब 2 करोड़ चेक का क्लीयरेंस नहीं हो सका. इसमें कुल 16,500 करोड़ की राशि फंसी है. इसके अलावा नकद निकासी, जमा व कारोबारी लेनदेन पर भी असर पड़ा है.

ATM-ऑनलाइन सेवाओं पर असर नहीं
इस दौरान एटीएम सेवाएं जारी है. वहीं हड़ताल के दौरान ऑनलाइन जैसे दूसरे ट्रांजैक्शन के विकल्प ग्राहकों के सामने उपलब्ध हैं.

निजी बैंकों पर असर नहीं
निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक और इंडसइंड बैंक जैसे अन्य निजी बैंकों के कामकाज पर कोई असर नहीं हुआ है.