इमालवा- नई दिल्ली । खाद्य उत्पादों को छोड़ दें तो देश में सस्ते की हवा बहने लगी है। सोना और पेट्रोल के बाद अब खाद भी सस्ती होने जा रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में फास्फेट और पोटाश की कीमत में गिरावट को देखते हुए केंद्र सरकार ने भी पोषक तत्व आधारित फर्टिलाइजर की कीमत कम करने का रास्ता साफ कर दिया है। इससे डीएपी के मूल्य में प्रति टन 1,500 रुपये और एमओपी में 1,000 रुपये की कमी आने के आसार हैं। सरकार के इस फैसले के तुरंत बाद देश की सबसे बड़ी उर्वरक कंपनी इफको ने इन खादों की कीमत 75 रुपये प्रति बोरी तक घटा भी दी है।।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में उर्वरकों पर दी जाने वाली केंद्रीय सब्सिडी में कटौती करने का फैसला किया है। चूंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरक की कीमतें लगातार कम हो रही हैं, इसलिए सरकार ने सब्सिडी इस तरह घटाई है जिससे घरेलू बाजार में सब्सिडी कम होने के बाद भी इनकी कीमतों में कमी आए। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बताया, ‘उर्वरक सब्सिडी में 5,000 करोड़ रुपये [15 फीसद] तक की कमी हो सकती है। यह सब्सिडी 27,500 करोड़ रुपये के करीब रह सकती है।’ सरकारी घाटे को कम करने में जुटे वित्त मंत्री के लिए कच्चे तेल, सोना और अब उर्वरक की कीमतों में कटौती बहुत अच्छी खबर है।
सूत्रों के मुताबिक, ग्लोबल बाजार में उर्वरकों की कीमतें 3,500 रुपये प्रति टन तक कम हुई है। चूंकि सरकार ने अपनी सब्सिडी में दो हजार रुपये प्रति टन की कटौती की है। लिहाजा उर्वरक कंपनियां उर्वरकों की कीमत में बाकी 1,500 रुपये तक कमी कर सकती हैं। इफको ने कहा है कि वह उर्वरकों की कीमतें 1,000 रुपये से लेकर 1,500 रुपये प्रति टन कम कर रही है। इससे किसानों को खादें 75 रुपये प्रति बोरी तक सस्ती मिलेंगी। वित्त मंत्री ने कहा भी है कि सरकार उर्वरक बाजार पर पूरी नजर रखेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि कंपनियां किसानों तक इसका फायदा पहुंचाएं।