देश में मोबाइल बैंकिंग के जरिए सभी तबकों तक बैंकिंग सेवा पहुंचाने के लिए ट्राई ने नए निर्देश जारी कर दिए हैं।
इसके तहत टेलीकॉम सेवाएं देने वाली कंपनियां ग्राहक से आउटगोइंग ट्रांजेक्शन पर अधिकतम 1.5 रुपये का शुल्क ले सकेंगी।
टेलीकॉम नियामक ट्राई के अनुसार कंपनियां यूएसएसडी सेवा के जरिए बैंकों के साथ मिलकर मोबाइल बैंकिंग सेवाएं दे सकेंगी। ट्राई के यह नियम एक जनवरी 2014 से लागू हो जाएंगे।
ट्राई के अनुसार अप्रैल 2010 में अंतर मंत्रालयी समूह ने इस बात की सिफारिश की थी कि मोबाइल फोन के जरिए उस तबके तक पहुंचा जा सकता है, जो अभी तक बैंकिंग सेवाओं से दूर है।
ऐसे में यूएसएसडी सेवा का इस्तेमाल ग्राहक जमा, निकासी, बैलेंस की जानकारी और पूंजी ट्रांसफर के लिए कर सकते हैं, जो कि मोबाइल से जुड़े खातों के जरिए इस्तेमाल हो सकेगा। इस आधार पर ही ट्राई ने बुधवार को गाइडलाइन जारी की है।
वर्तमान सर्विस में कमी
इस मौके पर ट्राई के चेयरमैन राहुल खुल्लर ने कहा कि गाइडलाइन के तहत बैंक एजेंट टेलीकॉम सेवाएं देने वाली कंपनियों के जरिए एसएमएस, यूएसएसडी और आईवीआर की सुविधा दे सकेंगे। इससे एक बड़े तबके को मोबाइल बैंकिंग के जरिए बैंकिंग सेवाएं मिल सकेंगी।
ट्राई के अनुसार अभी यूएसएसडी के जरिए मोबाइल बैंकिंग सेवा जो बैंक दे रहे हैं, वह वैल्यू एडेड सेवाओं के तहत मिल रही हैं। पर इसका लाभ उस तबके को नहीं मिल रहा है जिसकी बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच नहीं है।
इसके अलावा बुधवार को ट्राई ने मल्टी सिस्टम ऑपरेटर्स द्वारा टीवी चैनल वितरण क्षेत्र में एकाधिकार को रोकने के लिए भी गाइडलाइन जारी की है। गाइडलाइन में बाजार में किसी कंपनी की हिस्सेदारी उसके सक्रिय सब्सक्राइबर के जरिए तय होगी।
प्राकृतिक आपदाओं में नेटवर्क बेहतर
ट्राई ने प्राकृतिक आपदाओं और त्रासदियों के समय टेलीकॉम नेटवर्क सुचारु रूप से चलाने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की भी सिफारिश की है।
इसके तहत प्राथमिकता के आधार पर कॉल रूटिंग स्कीम शुरू करने की बात ट्राई ने कही है। जिसके लिए टैरिफ और लागत आदि तय करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू में चलाने की कवायद है।