आइटम गीतों से समाज पर बुरा असर: राजपाल यादव

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फिल्म अभिनेता राजपाल यादव ने फिल्मों में आइटम गीत के बढ़ते चलन और उसमें खुलेपन को खास तवज्जो दिये जाने को समाज पर बुरा असर डालना वाला करार दिया है।सड़क हादसे में घायल हुए अपने भाई राजेश का हाल लेने कल रात बरेली पहुंचे राजपाल ने कहा कि आइटम गीत दर्शकों को सिर्फ क्षणिक आनंद देते हैं और उनके अतिरेक से समाज पर बुरा असर भी पड़ता है।उन्होंने आगे कहा कि अ… आइटम गीतों से समाज पर बुरा असर: राजपाल यादव

फिल्म अभिनेता राजपाल यादव ने फिल्मों में आइटम गीत के बढ़ते चलन और उसमें खुलेपन को खास तवज्जो दिये जाने को समाज पर बुरा असर डालना वाला करार दिया है।सड़क हादसे में घायल हुए अपने भाई राजेश का हाल लेने कल रात बरेली पहुंचे राजपाल ने कहा कि आइटम गीत दर्शकों को सिर्फ क्षणिक आनंद देते हैं और उनके अतिरेक से समाज पर बुरा असर भी पड़ता है।उन्होंने आगे कहा कि अश्लीलता किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं की जा सकती लेकिन दर्शकों के एक बड़े वर्ग की पसंद होने की वजह से फिल्म निर्माता ज्यादा से ज्यादा धन कमाने की कोशिश में फिल्में बनाते हैं। हालांकि वे सिर्फ वन टाइम मूवी बनकर रह जाती हंै और दोबारा कोई उन्हें याद भी नहीं करता।गौरतलब है फिल्म हलचल, अता पता लापता, खट्टा-मीठा और भूल-भुलैया जैसी फिल्मों में अपने अभिनय से दर्शकों को गुदगुदाने वाले राजपाल ने फिल्मों के रीमेक बनाए जाने के बढ़ते चलन के बारे में कहा कि जिस तरह से फैशन खुद को दोहराता है, उसी तरह दर्शक पुरानी कहानी को नये परिप्रेक्ष्य और अंदाज में दोबारा देखना चाहते हैं।उन्होंने कहा कि पुरानी कहानी असरदार तरीके से दर्शकों को प्रभावित करती है। इसी वजह से पुरानी फिल्मों का रीमेक बनाने का चलन बढ़ा है।