बाम्बे टॉकीज़ में कैटरीना कैफ के साथ काम कर रही निर्देशक ज़ोया अख्तर का कहना है कि एक दशक पहले फिल्म जगत में कदम रखने वाली इस लोकप्रिय अभिनेत्री ने लंबा सफर तय कर लिया है और हर संभव सफलता हासिल की है।ब्रिटिश-भारतीय अभिनेत्री कैटरीना ने हिंदी के अलावा तेलुगू और मलयालम भाषा की फिल्मों में भी काम किया है। ज़ोया ने कहा, ‘कैटरीना कैफ जहां से आई थीं और ज…
बाम्बे टॉकीज़ में कैटरीना कैफ के साथ काम कर रही निर्देशक ज़ोया अख्तर का कहना है कि एक दशक पहले फिल्म जगत में कदम रखने वाली इस लोकप्रिय अभिनेत्री ने लंबा सफर तय कर लिया है और हर संभव सफलता हासिल की है।ब्रिटिश-भारतीय अभिनेत्री कैटरीना ने हिंदी के अलावा तेलुगू और मलयालम भाषा की फिल्मों में भी काम किया है। ज़ोया ने कहा, ‘कैटरीना कैफ जहां से आई थीं और जो उनका जीवन था, उसके मद्देनज़र उनका भारत में एक बड़ी फिल्मी हस्ती बनने का सपना साकार होना असंभव प्रतीत होता था लेकिन इसके बावजूद वह रुकी नहीं। सपने साकार होते हैं। आपको केवल खुद पर भरोसा करने की ज़रूरत है। उन्होंने वह हासिल किया जो उनके लिए पाना असंभव लगता था।’कैटरीना ने 2003 में कैज़ाद गुस्ताद की फिल्म बूम से अभिनय करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने राम गोपाल वर्मा की सरकार और सलमान खान अभिनीत मैंने प्यार क्यों किया समेत कई फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने रेस, पार्टनर, सिंह इज़ किंग, न्यूयार्क, राजनीति , जिंदगी ना मिलेगी दोबारा और एक था टाइगर जैसी सफल फिल्मों में यादगार अभिनय किया। वर्ष 2011 में जिंदगी ना मिलेगी दोबारा में कैटरीना को मुख्य भूमिका निभाने का मौका देने वाली ज़ोया ने अभिनेत्री पर फिर से भरोसा जताया है और उन्हें भारतीय सिनेमा के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में बनाई जा रही लघु फिल्म बाम्बे टॉकीज़ में अभिनय करने का अवसर दिया है। यह फिल्म तीन मई को रिलीज़ होगी।ज़ोया ने अपनी इस लघु फिल्म में एक ऐसे लड़के की कहानी दिखाई है जो पूरे दिन शीला की जवानी (तीस मार खां में कैटरीना का बहुत लोकप्रिय आइटम गीत) की धुन पर नाचता रहता है और अभिनेत्री की ही तरह बनना चाहता है। यह कहानी वास्तविक जीवन पर आधारित बताई जाती है। ज़ोया दो वर्ष पहले एक सामाजिक समारोह में ऐसे लड़के से मिली थीं और वह तभी से सेल्यूलाइड पर उसकी कहानी को चित्रित करना चाहती थीं।2009 में लक बाइ चांस से निर्देशन की शुरुआत करने वाली ज़ोया ने कहा, ‘हम जब बच्चे थे तो तैयार होकर नृत्य किया करते थे। यहां तक कि लड़के भी लड़कियों की तरह तैयार होकर नाचा करते थे।’ इस फिल्म में चिल्लड़ पार्टी के बाल कलाकार नमन जैन भी अभिनय का जलवा बिखेरेंगे। ज़ोया ने कहा, ‘मुझे यह लड़का बहुत पसंद आया। मैंने उसे चिल्लड़ पार्टी में देखा था जिसमें उसने शानदार अभिनय किया है।’बाम्बे टॉकीज़ में ज़ोया के अलावा अनुराग कश्यप, करण जौहर और दिवाकर बनर्जी की लघु फिल्मों को भी दिखाया जाएगा। जोया ने कहा, ‘मेरे और रीमा कागति (तलाश की निर्देशक) के पास एक लघु कहानी थी और उस समय उसका नाम ज़ूम ज़ूम डार्लिंग था। लेकिन हम इसका निर्माण नहीं कर सके। मैंने आशी दुआ को अपनी कहानी सुनाई और कहा कि मैं इसका निर्माण करना चाहती हूं। वह सहमत हो गईं। यह सब एक ही दिन में हुआ।’ इस परियोजना पर बाद में कश्यप के घर रात्रिभोज के दौरान चर्चा की गई।