खाप पंचायतें पॉजिटिव बदलाव में भूमिका निभाएं: मेघना मलिक

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टीवी सीरियल ‘ना आना इस देश लाडो’ से घर घर में लोकप्रिय हुई बालीवुड अभिनेत्री मेघना मलिक का कहना है कि खाप पंचायतें समाज में काफी स्वीकार्यता रखती हैं और उन्हें अपने इस प्रभाव का इस्तेमाल कर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में काम करना चाहिए।

इस समय झलक दिखला जा सीजन-6 की तैयारियों में जुटी मेघना मलिक ने फोन पर मुंबई से एक विशेष इंटरव्यू में भा…

टीवी सीरियल ‘ना आना इस देश लाडो’ से घर घर में लोकप्रिय हुई बालीवुड अभिनेत्री मेघना मलिक का कहना है कि खाप पंचायतें समाज में काफी स्वीकार्यता रखती हैं और उन्हें अपने इस प्रभाव का इस्तेमाल कर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में काम करना चाहिए।

इस समय झलक दिखला जा सीजन-6 की तैयारियों में जुटी मेघना मलिक ने फोन पर मुंबई से एक विशेष इंटरव्यू में भाषा को बताया, कन्या भू्रण हत्या, दहेज प्रथा और ऑनर किलिंग कुछ ऐसी सामाजिक बुराइयां हैं जिन्हें किसी कानून के डंडे से नहीं मिटाया जा सकता । इसके लिए समाज को ही पहल करनी होगी।

खाप पंचायतों की सामाजिक स्वीकार्यता के बारे में पूछे जाने पर अम्मा जी उर्फ मेघना मलिक ने कहा कि वह हरियाणा और जाट समुदाय से ताल्लुक रखने के बावजूद इस व्यवस्था के बारे में बहुत अधिक नहीं जानती और इसीलिए उनकी कार्यप्रणाली पर कोई टिप्पणी कर किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहती।

लेकिन उन्होंने दहेज और मद्यपान आदि पर रोक लगाने जैसे खाप पंचायतों के कुछ सकारात्मक फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि खाप पंचायतें यदि चाहें तो समाज में बड़े पैमाने पर सुधार किया जा सकता है और इन सामाजिक संगठनों ने समाज को दिशा देने वाले कई बड़े सकारात्मक फैसले भी किए हैं।

हिंदी भाषी राज्यों और विशेषकर हरियाणा में बालक बालिका अनुपात में सुधार के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा उन्हें अपना ब्रांड एम्बेसेडर बनाया गया है । वह अपनी पहल पर स्कूल कालेजों में महिला सशक्तिकरण और बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने तथा कन्या भू्रण हत्या पर रोक लगाने के सेमीनारों का आयोजन करती रहती हैं।

एक अभिनेता और वह भी ना आना इस देश लाडो की अम्माजी के किरदार के सामाजिक दायित्वों के संबंध में किए गए सवाल पर मेघना ने बताया कि उन्होंने हरियाणा प्रदेश सरकार के बाल विकास विभाग के अधिकारियों से अपनी पहल पर संपर्क कर किसी भी अभियान के लिए अपनी सेवाएं देने की पेशकश की थी।

लेकिन मेघना ने विभाग के रवैये को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि संबंधित अधिकारियों ने पलट कर कभी कोई संपर्क नहीं किया।

मेघना हरियाणा के छोटे से जिले सोनीपत से ताल्लुक रखती हैं जहां उनके माता पिता दोनों पेशे से कालेज व्याख्याता रहे हैं । इस सवाल पर कि क्या रूढि़वादी समाज में उन्हें किसी स्तर पर किसी प्रकार के भेदभाव का सामना करना पड़ा।

मेघना ने कहा कि उनके माता पिता ने हमेशा उन्हें वित्तीय रूप से स्वावलंबी होने की शिक्षा दी और कभी यह अहसास नहीं होने दिया कि उनके परिवार में उनका कोई भाई नहीं है।