बॉम्बे वेलवेट के लिए अनुराग श्रीलंका में बनाएंगे मुंबई

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फिल्मकार अनुराग कश्यप रणबीर कपूर अभिनीत फिल्म बॉम्बे वेलवेट के लिए 1960 के दशक की मुंबई को श्रीलंका में पुनर्जीवित करेंगे। यह फिल्म मुंबई के महानगर बनने की कहानी कहती है।

गौरतलब है इससे पहले निर्देशक दीपा मेहता ने वाटर और मिडनाइट्स चिल्ड्रन के फिल्मांकन के लिए श्रीलंका को चुना था। अब कश्यप को भी इस फिल्म के लिए श्रीलंका ऐतिहासिक रूप से बेहतर लगा है।

बॉम्बे वेलवेट के लिए अनुराग श्रीलंका में बनाएंगे मुंबई

फिल्मकार अनुराग कश्यप रणबीर कपूर अभिनीत फिल्म बॉम्बे वेलवेट के लिए 1960 के दशक की मुंबई को श्रीलंका में पुनर्जीवित करेंगे। यह फिल्म मुंबई के महानगर बनने की कहानी कहती है।

गौरतलब है इससे पहले निर्देशक दीपा मेहता ने वाटर और मिडनाइट्स चिल्ड्रन के फिल्मांकन के लिए श्रीलंका को चुना था। अब कश्यप को भी इस फिल्म के लिए श्रीलंका ऐतिहासिक रूप से बेहतर लगा है।

बकौल कश्यप, बॉम्बे वेलवेट की कहानी 60 के दशक पर आधारित है और मुझे उस दौर को दर्शाने के लिए पारंपरिक झलक और खुला आकाश चाहिए था। लेकिन बंबई का आकाश नाटकीय ढंग से बदल गया है। प्राचीन इमारतें बहुमंजिला इमारतों में बदल गई हैं। इसलिए यह उस दौर के अनुरूप नहीं बैठता था, जिसे हम दर्शाना चाहते हैं। हम अगले महीने से श्रीलंका में शूटिंग शुरू कर रहे हैं।

गैंग्स ऑफ वासेपुर के निर्देशक के अनुसार भारत में कोई वास्तविक पीरियड-फिल्म बनाना एक चुनौतीपूर्ण काम है क्योंकि भारतीय शहरों में अधिकतर पुरानी इमारतें या तो विलुप्त हो चुकी हैं या फिर उनमें कुछ ऐसे बदलाव कर दिए गए हैं कि अब वे पहचान में ही नहीं आतीं।

कश्यप ने कहा, दुर्भाग्य से, भारत में संरक्षण की संस्कृति नहीं है। फिर चाहे यह संरक्षण फिल्मों का हो, स्मारकों का हो या फिर इमारतों का हो। शहरीकरण की दौड़ में बंबई जैसे शहर आपनी वास्तुकला की विरासतों को संरक्षित नहीं रख सके। इसलिए भारत में पीरियड-फिल्मों को शूटिंग और पुराने दौर को दर्शाने दोनों ही मामलों में गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

कश्यप की फिल्म बॉम्बे वेलवेट के कुछ हिस्सों की शूटिंग मुंबई के स्टूडियो में भी होगी। यह फिल्म ज्ञान प्रकाश की किताब मुंबई फेबल्स पर आधारित है।

कश्यप ने आगे कहा ,मैं ग्यान से किताब के प्रकाशन से पहले ही मिला। जब उन्होंने मुझे कहानी के बारे में बताया तो मैं रोमांचित हो गया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुंबई का ऐसा इतिहास होगा। ग्यान ने किताब लिखी और साथ में फिल्म के लिए पटकथा भी।