लिंग परीक्षण कराना एक अपराध है और बॉलीवुड के किंग खान यही जुर्म कर विवादों में फंस गए हैं। तीसरी बार बाप बनने जा रहे शाहरुख पर महाराष्ट्र के रेडियोलॉजिस्ट एसोसिएशन ने शाहरुख पर लिंग परीक्षण का आरोप लगाया है। अगर लिंग परीक्षण का जुर्म साबित होता है, तो मुमकिन है कि शाहरुख और गौरी का तीसरा बच्चा जेल में पैदा हो। शिकायत बीएमसी में दर्ज कराई गई है।
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लिंग परीक्षण कराना एक अपराध है और बॉलीवुड के किंग खान यही जुर्म कर विवादों में फंस गए हैं। तीसरी बार बाप बनने जा रहे शाहरुख पर महाराष्ट्र के रेडियोलॉजिस्ट एसोसिएशन ने शाहरुख पर लिंग परीक्षण का आरोप लगाया है। अगर लिंग परीक्षण का जुर्म साबित होता है, तो मुमकिन है कि शाहरुख और गौरी का तीसरा बच्चा जेल में पैदा हो। शिकायत बीएमसी में दर्ज कराई गई है।
बता दें कि गर्भ में पल रहे भ्रूण का लिंग परीक्षण करना पीसीपीएनडीटी (प्रसव पूर्व निदान तकनीकी) एक्ट के तहत तीन वर्ष की कैद और पचास हजार रुपए तक जुर्माना हो सकता है। लिंग निर्धारण करने वाले डॉक्टर और लिंग निर्धारण करवाने वाले व्यक्ति दोनों को ही इस एक्ट के तहत सजा का प्रावधान है।
दसरअल, इन दिनों खबरों बाजार बेहद गर्म है कि शाहरुख फिर पिता बनने जा रहे हैं, गौरी एक बेटे को जन्म देंगी। शाहरुख खान और उनकी पत्नी सरोगेसी के जरिए मम्मी-पापा बनने वाले हैं। विवाद इस बात पर है कि शाहरुख और गौरी के कैसे पता चल गया कि उनके घर बेटा ही होने वाला है? क्या उन्होंने अपने अजन्मे बच्चे का लिंग परीक्षण कराया है? इसीलिए महाराष्ट्र के रेडियोलॉजिस्ट एसोसिएशन ने शाहरुख पर बच्चे का लिंग परीक्षण कराने का आरोप लगा कर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। अब महाराष्ट्र एसोसिएशन ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग से इसकी जांच करने के लिए कहा है। उधर शाहरुख ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि वे और गौरी सरोगेसी के जरिए बेबी ब्वॉय एक्सपेक्ट कर रहे हैं।
लेकिन बताया जा रहा है कि तीसरे बच्चे का फैसला गौरी खान का था और वह सेरोगेसी के जरिए ऐसा करना चाहती थीं। एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक 47 वर्षीय शाहरुख और गौरी ने उसी डॉक्टर से संपर्क किया है, जिनसे आमिर खान और किरण राव भी अपनी सेरोगेसी के लिए संपर्क कर चुके हैं।
अगर यह सिद्ध हो जाता है कि शाहरुख और गौरी ने अपने बच्चे का लिंग परीक्षण कराया है तो वे कानून के शिकंजे में फंस सकते हैं। इस जुर्म के लिए उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है और हो सकता है कि गौरी को अपने बच्चे को जेल में ही जन्म देना पड़े।
डॉक्टर जिग्नेश ने 15 दिन का समय दिया है और उसके बाद भी कार्रवाई ना होने पर अदालत का दरवाजा खटखटाने की बात कही है।