बॉलीवुड इंडस्ट्री के 100 साल पूरे होने पर बॉम्बे टॉकीज को रिलीज़ किया गया है। इस फिल्म को चार बॉलीवुड के दिग्गज डायरेक्टरों ने बनाया है। इस फिल्म को भारतीय सिनेमा के 100 साल पूरे होने पर समर्पित किया गया है।
100 साल पहले यानी 03 मई को भारतीय सिनेमा के इतिहास की पहली फिल्म राजा हरिश्चंद्र बनी थी। इस कारण यह बॉम्बे टॉकीज 03 मई को रिलीज़ हो रही है। मत…
बॉलीवुड इंडस्ट्री के 100 साल पूरे होने पर बॉम्बे टॉकीज को रिलीज़ किया गया है। इस फिल्म को चार बॉलीवुड के दिग्गज डायरेक्टरों ने बनाया है। इस फिल्म को भारतीय सिनेमा के 100 साल पूरे होने पर समर्पित किया गया है।
100 साल पहले यानी 03 मई को भारतीय सिनेमा के इतिहास की पहली फिल्म राजा हरिश्चंद्र बनी थी। इस कारण यह बॉम्बे टॉकीज 03 मई को रिलीज़ हो रही है। मतलब इस फिल्म से बॉलीवुड का 100वां हेप्पी बर्थ डे मनाया जाएगा। हिंदी और अंग्रेजी में एकसाथ बनी इस फिल्म की एक खासियत है कि फिल्म में चार अलग-अलग टाइप की शॉर्ट स्टोरीज़ यानी कहानी को इंडस्ट्री के जाने मानें डायरेक्टरों द्वारा निर्देशित किया गया है।
इस फिल्म में सबसे खास बात यह कि इस फिल्म के गाने में कई स्टार आपको दिखाई देंगे। इस वाक्य को पढ़ कुछ याद आया, जी नही, कोई बात नहीं…। अरे महानायक अमिताब बच्चन की फिल्म नसीब और बादशाह शाहरुख खान कि फिल्म ओम शांति ओम के एक गाने में कई स्टार दिखे थे, वैसा ही इस फिल्म में भी हैं।
बॉम्बे टॉकीज में चार अलग-अलग कहानियां हैं। करन जौहर निर्देशित फिल्म की कहानी एक शहरी कपल रानी मुखर्जी और रणदीप हुड्डा की है। इनकी मैरिज लाइफ खुशहाल है। एक दिन पत्नी की मुलाकात ऑफिस में एक नए सहकर्मी साकिब सलीम से होती है, इनकी कुछ मुलाकातों के बाद इस यंग कपल की जिंदगी में सबकुछ बदलने लगता है। दिबाकर बनर्जी ने अपनी कहानी कोलकाता के एक राइटर की लिखी लघु कहानी पर बनाई है। दिबाकर को यह कहानी इतनी पसंद आई कि उन्होंने इस पर फिल्म बनाने के राइट्स हासिल करने के लिए कोलकाता के कई चक्कर लगाए। यह फिल्म एक ऐसे नाकाम कलाकार नवाजुद्दीन सिद्दीकी की है, जो अपने पिता की मौत के बाद अपनी लाइफ और करियर को सही ट्रैक पर लाने की कोशिश में लग जाता है।
जोया अख्तर की निर्देशित कहानी नमन जैन पर केंद्रित है। नमन का सपना बॉलीवुड और डांस है। वहीं उसके पिता रणवीर शौरी अपने बेटे को नामी स्पोट्समैन बनाना चाहते हैं। पिता चाहते हैं कि उनका बेटा एक दिन क्रिकेट या फुटबॉल में अपना नाम रोशन करे। अनुराग कश्यप की कहानी इलाहाबाद से मुंबई आए एक युवक की है, जो सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के बंगले ‘प्रतीक्षा’ पर पहुंचा है। सुपर स्टार के इंतजार में उनके घर के बाहर बैठे इस युवक का सपना उन्हें अपने घर का बना मुरब्बा पेश करना है, जो वास्तव में उसके पिता का सपना है। अपने पिता के इसी सपने को साकार करने युवक इलाहाबाद से आया है, जो ‘प्रतीक्षा’ पर ही साकार हो सकता है।
करन जौहर, अनुराग कश्यप, जोया अख्तर और दिबाकर बनर्जी ने इस फिल्म का निर्देशन किया है, एक ऐतिहासिक दिन रिलीज़ हुई है। इस कारण इस फिल्म को अच्छा माइलेज ज़रूर मिलेगा। माना यह भी जा रहा बॉम्बे टॉकीज भी सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो जाएगी।