शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आहार की मात्रा का निर्धारण करी गयी है। आप सभी को पता है कि सुबह के नाश्ते को हमेशा भारी और पौष्टिक चीजों वाला रखा जाना चाहिए, दोपहर का भोजन हल्का और रात का भोजन सबसे हल्का, हालांकि ज्यादातर लोग इसका उल्टा करते हैं।
अधिकतर लोग डिनर में काफी भारी आहार कर लेते हैं जिसके कारण कई प्रकार की पाचन और अन्य समस्याएं बन रह सकती हैं। लंबे समय तक बनी रहने वाली यह आदत कई क्रोनिक स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को भी बढ़ा देती है।आहार विशेषज्ञ बताते हैं, रात का खाना 8 बजे तक खा लेना चाहिए। जल्दी खाना खाने से आपके सिस्टम को भोजन को बेहतर ढंग से पचाने में मदद मिलती है। रात के खाने को हल्का रखने की भी सलाह दी जाती है। चूंकि रात में मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, ऐसे में आपके द्वारा खाया गया भारी भोजन ठीक से पच नहीं पााता है।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का खतरा
लगातार रात मे भारी भोजन करने से आपका पाचन कमजोर हो सकता है और समय के साथ यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग,कब्ज और पेट फूलने का कारण बन सकता है। रात के समय मेटाबॉलिज्म कम होने के कारण भोजन का पाचन ठीक से नहीं हो पाता है जिससे पेट में लंबे समय तक बिना पचा हुआ भोजन बना रहता है। यह पाचन विकारों को बढ़ावा देने वाली स्थिति भी हो सकती है।
हृदय गति में वृद्धि की समस्या
जब आप रात के समय में अधिक भोजन करते हैं, तो इस स्थिति में आपके हृदय को सामान्य से अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिसके परिणामस्वरूप हृदय गति बढ़ सकती है। खाने से भी रक्तचाप में वृद्धि हो सकती है।