मैग्नीशियम एक एेसा तत्व है जो शरीर में पर्याप्त मात्रा में होना बहुत जरूरी होता है। शरीर का आधे से ज्यादा मैग्नीशियम हमारी हड्डियों में पाया जाता है और यदि यही कम हो जाए तो हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और शरीर आस्टियोपोरोसिस नामक बीमारी का शिकार हो जाता है। इसके अलावा मैग्नीशियम की कमी से शारीरिक और मानसिक समस्याएं शुरू हो जाती हैं जैसे याद्दाश्त का कम हो जाना, नाखूनों पर सफेद धब्बे पढ़ना ,शरीर का अधिक थकान महसूस करना आदि। य़दि हमारे शरीर में कोई अंदरूनी समस्या होती है तो अपने आप ही नाखूनों और त्वचा के बदलते रंगो से पता लगने लग जाता है।
मैग्नीशियम की कमी से होने वाली परेशानियां-
हाइपरटेंशन और मधुमेह का जोखिम
मैग्नीशियम रक्तचाप को कंट्रोल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो जाएं तो डायबिटीज होने की संभावना भी अधिक होती है। इसलिए यदि मधुमेह और हाइपरटेंशन जैसी खतरनाक बीमारीयों से बचना है तो मैग्नीशियम का शरीर में सही मात्रा में होना अति आवश्यक है।
सिरदर्द और अनिद्रा
मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा न लेने से सिरदर्द, अनिद्रा, तनाव आदि की शिकायत हो सकती है। इसलिये तनाव और अवसाद से बचने के लिए मैग्नीशियम का भरपूर मात्रा में सेवन कीजिए।
दिल के रोग
मैग्नीशियम दिल के लिए बहुत फायदेमंद है। यदि शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो जाये तो दिल के दौरे का खतरा अधिक होता है। इसलिए दिल को मजबूत बनाने और दिल संबधित रोगों को दूर करने के लिए मैग्नीशियम का सेवन करना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान
गर्भवती महिला के लिए मैग्नीशियम बहुत जरूरी है। गर्भवती महिला के शरीर में पल रहे बच्चे को प्रतिदिन 350-400 मिलीग्राम मैग्नीशियम की जरूरत होती है। यदि गर्भावस्था के दौरान मैग्नीशियम की कमी हो जाये तो बच्चे के विकास में बाधा हो सकती है।
त्वचा में समस्याएं
शरीर में मैग्नीशियम की मात्रा न सही होने पर त्वचा को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसकी कमी से घाव देरी से भरते है। त्वचा पर काले दाग- धब्बे, चकत्ते जैसी समस्याएं हो जाती है।
मैग्नीशियम के स्रोत
साबुत अनाज, मछली, हरी पत्तेदार सब्जियां, सूरजमुखी के बीज, कद्दू के बीज, ब्राउन राइस, बादाम, दलिया, आलू, डेयरी उत्पाद, चॉकलेट, कॉफी, आदि मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं, इनका सेवन भरपूर मात्रा में कीजिए।