बढ़ते शोर और ध्वनि प्रदूषण की वजह से कहीं न कहीं हमारी सेहत भी प्रभावित हो रही है. बढ़ता शोर जहां सुनने की क्षमता को प्रभावित करता है, वहीं दिल के रोग, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता, अनिद्रा आदि की वजह भी बनता है.
WHO की हालिया रिपोर्ट के यह बात सामने आई है कि बढ़ते शोर की वजह से मानसिक तनाव का स्तर भी बढ़ रहा है.
मानसिक रूप से तनाव में रहने के कारण हमारे फैसला लेने की क्षमता, रचनात्मकता और फोकस पर भी असर पड़ता है. ऐसे में इससे बचने के लिए शांत और मौन रहना कारगर साबित हो सकता है.
मौन रहने के ये हैं फायदे
चुप रहने से मस्तिष्क में नये सेल बनते हैं, जो हमारी याददाश्त मजबूत करते हैं और सीखने-समझने की क्षमता को मजबूत करते हैं. डिप्रेशन और अल्जाइमर जैसी बीमारी में मौन या शांत रहना बेहद अच्छा है.
ध्यान केंद्रित करने में मिलती है मदद
अगर आपको ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है तो सिर्फ 3 मिनट शांत बैठने से ही आपको अंतर दिखने लगेगा.
शांत रह कर बड़े मसले हल
जीवन में कई बार भावुक और कमजोर पल आते हैं. भावनाओं में बह कर कई बार हम गलत फैसले ले लेते हैं. ऐसे में कुछ देर खुद को शांत रख कर सही नतीजे तक पहुंच सकते हैं.